शुक्रवार, 2 दिसंबर 2011

बेटी का जन्मदिन है!

संयुक्त परिवार टूटकर उनकी जगह आये है अब एकल परिवार ! पहले पापा अपने काम काज में व्यस्त रहा करते थे ! अब मम्मी भी बाहर के क्षेत्र में व्यस्त हो गई है ! कभी वह अपने बच्चों की बेस्ट फ्रेंड और प्रथम गुरु हुआ करती थी ! समाज में, अपनी नजर में उसे भी तो अपनी पहचान बनानी है ! यह जरुरी भी है ! घर के हालात और समय की मांग भी यही है कि, वह भी कामकाजी बनकर चार पैसे कमाए ! परिवार में आर्थिक सहयोग करे! वर्ना आजकल इस महंगाई के ज़माने में अकेले आदमी की कमाई कहाँ बस होती है ? खर्चे कितने बढ़ गए है ! नतीजा बच्चे अकेले हो गए है ! उसपर पढाई का बोझ, एकदूसरे से आगे बढ़ने की होड़, गलत माहोल, दोस्तों के बुरी संगत ने बच्चों को बिगाड कर रख दिया है ! ड्रग्स, हुक्का जैसे नशीली चीजों का सेवन कर नशे के आदी हो रहे है ! और अपराधिक गतिविधियों  में भाग लेकर छोटी उम्र में जुर्म जैसे अपराध के दलदल में फंसते जा रहे है! अच्छे-अच्छे महंगे स्कूल-कॉलेजों में पढ़कर भी बच्चे कैसे बिगड़ते जा रहे है ? यही सब सोचकर माता-पिता परेशान हो रहे है ! प्रतिभा को पनपने के लिये चाहिए उचित माहोल, सही शिक्षा बड़ों का मार्गदर्शन ! 
अच्छे संस्कारों की नीव उनके बचपन में ही डालनी चाहिए ! मै बच्चों के प्रति कुछ ज्यादा ही संवेदनशील हूँ ! क्या करूँ माँ हूँ ना ! खैर, इसपर कभी फुरसत से लिखूंगी ! आज कुछ खास बात आप सबसे शेअर करना चाहती हूँ ! आज मेरी बेटी का जन्मदिन है ! वह इंजीनियरिंग के तृतीय वर्ष में पढ़ रही है ! मेरी बेटी मेरी बेस्ट-फ्रेंड ही नहीं मेरी अच्छी टीचर भी है ! उसीने मुझे कंप्यूटर चलाना सिखाया और ब्लॉग बनाने को प्रोत्साहित किया ! इसके लिये मै उसकी बहुत आभारी हूँ ! आधुनिक युग में  इन सब यंत्रो का उपयोग हम नहीं करेंगे तो बच्चों की नजर में हम आउट डेटेड कहलायेंगे ! और उनके साथ रहकर उनको समझने का यह एक अच्छा अवसर है ! ऐसा मै समझती हूँ ! आपको पता है ? मेरी इस प्यारी और सख्त टीचर के लिये मुझे गुरुदक्षिणा के रूप में बहुत कुछ करना पड़ता है ! कभी शॉपिंग तो कभी कुछ ! अपने पापा से पॉकेट मनी लेती है इसके अतिरिक्त भी और पैसे मुझसे लेती है ! खैर यह सब हम माँ बेटी की आपस की बाते है ! आपसे कहूँगी तो नाराज हो जाएगी !
उसे बचपन से स्केच बनाना रंगों से खेलना अच्छा लगता है ! उसके दो एक स्केच ब्लॉग पर डाल रही हूँ जो की मुझे बहुत पसंद है ! उम्मीद करती हूँ आप सभी को भी पसंद आयेंगे ! कैसे लगे जरुर बताना ! बच्चे मेरे हो की आपके हो या फिर किसी के भी, हर बच्चा अनूठा है ! उनमे प्रतिभायें भी अलग अलग है ! किसी बच्चे का दुसरे बच्चे से कोई तुलना नहीं हो सकती ! उनकी भावनाओंकी कद्र करनी होगी ! उचित सम्मान करना  होगा ! उनकी प्रतिभा को निखारना होगा ! हर बच्चा यूनिक है मेरे लिये!

प्रकृति को देखिये अपने आप में कई रंग समेटे हुई है ! कुछ रंग स्पष्ट हमें दिखाई देते है और कुछ को देखने के लिये मन की आँखे चाहिए ! साधना चाहिए! जब सामान्य दृश्य भी मन की आँखों से होकर कागज पर उतरते है तो, निश्चित उनका महत्व अधिक बढ़ जाता है !  उर्जा को बहने के लिये सकारात्मक दिशा मिल जाती है ! सृजन के रूप में!

20 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर स्केच हैं...... बेटी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें ....
    पोस्ट में कई सार्थक बातें समझा दी आपने ...आभार

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  2. @ उसीने मुझे कंप्यूटर चलाना सिखाया और ब्लॉग बनाने को प्रोत्साहित किया ! इसके लिये मै उसकी बहुत आभारी हूँ ...
    सो यह हैं आपकी गुरु ....
    लगता है गुरु शिष्य में प्यारा जरूरत से अधिक है :-)
    इसका फोटो देखने की इच्छा थी, मगर इतना अंदाजा तो इन चित्रों से हो ही गया है कि वह बहुत संवेदनशील और अच्छे दिल की लड़की है ...
    जन्मदिन पर गहरे मन से आशीर्वाद दे रहा हूँ जहाँ रहे वहां खुशियाँ बिखेरेगी !
    आपको शुभकामनायें !

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  3. मेरी ओर से भी जन्मदिन की शुभकामनायें

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  4. बटिया रानी को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं.
    मुझे लगता है कि बेटी को मम्मी का ये तोहफा (लेख) से बेहतर उपहार कुछ नहीं हो सकता।

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  5. जैसा आपने वर्णन किया है बिटिया सुसंस्कृत होने के साथ साथ स्नेही और संवेदनशील भी है !
    इस नाते आप खुशनसीब हो कि ऐसी बेटी पायी है !
    सस्नेह आशीर्वाद !

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  6. बेटी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें.

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  7. बच्चे मेरे हो की आपके हो या फिर किसी के भी, हर बच्चा अनूठा है !

    सच्ची बात...बिटिया को जनम दिवस की ढेरों शुभकामनाएं.

    नीरज

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  8. मेरी तरफ से भी जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएँ .....

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  9. बिटिया को जन्मदिन की बधाई देने में देर हो गयी क्षमा करना स्केच बहुत सुंदर है आख़िर बेटी किसकी है एक सफल रचनकार की .....

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  10. बेटी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें ....

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  11. परिवर्तन शाश्वत है, सुन्दर आलेख। बिटिया को जन्मदिन की बधाई!

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  12. आपके ब्लॉग पे पहली बार आया हूँ !
    सुन्दर आलेख ...! मेरे तरफ से भी पुत्री को जन्मदिन की ढेर सारी बधाई ! ईश्वर उनकी हर मनोकामना पूर्ण करे!
    मेरे ब्लॉग पे आपका हार्दिक स्वागत है !

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  13. आपके मन से निकले उदगार बहुत ही सुंदर हैं । मेरी कामना है कि आप निरंतर लिखते रहें । मेरे नए पोस्ट पर आपका आमंत्रण है । धन्यवाद ।

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  14. ऊपर जो महिला है,वह आधुनिकता और पुरातनता का संगम प्रतीत होती है। उसकी आंखें खुली हैं और चेहरे का भाव उसकी एकाग्रचित्तता को प्रकट कर रहा है। उसके होठों पर एक अधखिली मुस्कान है जो उसकी अंतर्मुखी प्रकृति का संकेत प्रतीत होती है।
    दूसरी तस्वीर भी महिला के पारंपरिक न होने का संकेत है। बच्चे संभालना केवल मां की ज़िम्मेदारी नहीं है। पुरूष भी दफ्तर जाने से पहले और वहां से लौटने के बाद,अपना दायित्व निभाए। ऐसा पति ही पत्नी की सृजनात्मकता को आगे ले जा सकता है।

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  15. निवेदनःऊपर वाली तस्वीर को बांयी ओर रखें और नीचे वाली को दांयी ओर।

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  16. आदरणीय रमण जी,
    कभी किसी ब्लॉग पर आपकी टिप्पणी
    पढ़कर तभी आपके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ
    समझ गई थी ! आप अपने टिप्पणी से मेरी साधारण पोस्ट को भी
    अपनी अभिव्यक्ति से असाधारण बना दिया है !
    आभार आपका ! आप ने जैसा कहा है परिवर्तन किया है चित्र लगाने में !
    क्या अब ठीक है ?

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  17. सुन्दर लिखा है ... बिटिया को जनम दिन की बधाई ... स्राजन्शीलता बनी रहनी चाहिए ...

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  18. बेटी के जन्मदिन की बधाई. इश्वर उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करे.

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  19. उनकी भावनाओंकी कद्र करनी होगी ! उचित सम्मान करना होगा ! उनकी प्रतिभा को निखारना होगा ! हर बच्चा यूनिक है
    बिलकुल सही । पर मां और पिता दोनो ही व्यस्त हैं तो संयुक्त परिवार एक अच्छा उपाय है दादा दादी या नाना नानी के साथ बच्चे अकेला पन नही महसूस करेंगे

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