गुरुवार, 15 अक्तूबर 2020

प्रार्थना ...

 करोड़ों लोग यूँही 

ईश्वर की प्रार्थना 

नहीं करते !

प्रार्थना शायद हमें 

मनवांछित परिणाम

देती है !

प्रार्थना शायद हमें 

 थोड़ा सा सुकून देती है !

किंतु,

जिन तथ्यों को जैसी है वैसी ही 

स्वीकार करने की बजाय 

उन तथ्यों से,अपने आप से 

प्रार्थना के माध्यम से 

     क्या हम 

पलायन नहीं करते ?

एक सुविधाजनक पलायन !


7 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (१७-१०-२०२०) को 'नागफनी के फूल' (चर्चा अंक-३८५७) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    अनीता सैनी

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  2. सटीक सुन्दर एवं सार्थक सृजन
    वाह!!!

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  3. nice info!! can't wait to your next post!
    comment by: muhammad solehuddin
    greetings from malaysia

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