गुरुवार, 9 जनवरी 2014

खतरे की बात है ...

ताजा मौसम की 
जानकारी के अनुसार 
इन दिनों 
कड़कड़ाती सर्दी ने 
पिछले सारे रिकॉर्ड 
तोड़ दिए है !
धरती से लेकर 
अम्बर तक 
जीवन,जनजीवन 
अस्तव्यस्त-सा 
दिखाई देने लगा है !
संक्रमण फैलाने वाले 
वायरस बढ़ गए है !
रजनी चाची देर तक 
सो रही है 
सूरज चाचा देर से 
जाग रहे है  !
बहकी-बहकी-सी 
चल रही पुरवाई है !
कई शहरों में शीत 
लहर चल रही है !
ठंड का खासा असर 
ब्लॉग जगत पर भी 
पड़ा है !
कुछ ब्लॉग चल ही 
नहीं रहे है !
कुछ ठंड से ठिठुर
रहे है !
कुछ तो बर्फ जैसे 
जम गए है !
डॉक्टर ध्यानचंद 
के कहे अनुसार 
ब्लॉगिंग के 
मरीजों के लिए 
यह खतरे की 
बात है    …:)

9 टिप्‍पणियां:

  1. कोई खतरा नहीं है कीप ब्लागिंग ठंड खुद भाग जायेगी हमारा लिखा पढ़्ने के बाद :)

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  2. यहाँ भी लोग कह रहे हैं की पिछले तीस सालों में में ऐसी ठंड नहीं आई थी. लेकिन ब्लॉगिंग जारी हैं :)

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  3. ब्लॉगिंग को गर्मी पहुँचाने के लिये तो हमने फेसबुक छोड़ दिया... महीनों से बन्द पड़े ब्लॉग को दुबारा शुरू किया... और अब नियम से लिख रहा हूँ...
    आपका यह आह्वान पसन्द आया!! ख़ासकर रजनी चाची और सूरज चाचा!! :)

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  4. थोड़ा ठहराव आया था पर अब नियमित रहगें :) सच में ब्लॉग जगत का यही हाल है आजकल ....

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  5. आपकी यह कविता ब्लॉगिंग जगत के लिए कड़ाके की ठण्ड में अलाव की तरह है.

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  6. डॉक्टर ध्यानचंद
    के कहे अनुसार
    ब्लॉगिंग के
    मरीजों के लिए
    यह खतरे की
    बात है …:)

    डॉ ध्यानचंद जी ने बहुत अच्छी ध्यान की बात बताई है.

    ठण्ड से कपकपाती कविता के लिए आभार सुमन जी.

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