गुरुवार, 14 जुलाई 2011

व्यक्ति के विचार ही उसकी पहचान है !

आजकल आधुनिक प्रेमियों में ब्रेक-अप शब्द बड़ा प्रचलित हो रहा है! जरासी विचारों में  कुछ अनबन हुई नहीं कि, ब्रेक-अप हो जाता है!
 

संयोगवश कभी-कभी समान विचार एकदूसरे के प्रति आकर्षित हो जाते है! विचार मित्रता में, मित्रता प्रेम में बदलते देर नहीं लगती! प्रेम है की एकदूसरे से परिचय चाहता है! घुल-मिल जाना चाहता है एकदूसरे में, एक अटूट रिश्ते में बंधना चाहता है! जैसे-जैसे परिचय गहरा होता जाता है प्रेम अपना स्वाभाविक आकर्षण खोने लगता है! रिश्ते एकदूसरे पर हावी होने लगते है बोझ जैसे प्रतित होने लगते है तब तंग आकर दोनों ब्रेक अप कर लेते है! किन्तु प्रेम की भी अपनी गहराई है अपने कानून कायदे है! पर किसके पास इतना समय है इसे समझने के लिये! आज युवावों को सब कुछ इन्स्टंट चाहिए! शायद खलील जिब्रान ठीक ही कहते है! प्रेम का मार्ग बड़ा कठिन है! इस मार्ग पर चलने वाले सच्चे प्रेमी मुस्कुरा तो सकते है पर खुलकर हँस नहीं सकते! रो तो सकते है पर अपने आंसूओंको  सुखा नहीं सकते! सच्चे प्रेमियों का स्वभाव मित्रत्व का होता है! वे मंदिर के दो स्तभों की भांति रहते है! अधिक पास न अधिक दूर! दोनों अवस्था में मंदिर का निर्माण संभव ही नहीं! वे एकदूसरे पर अपना अधिकार नहीं जमाते नाही एकदूसरे को अपना गुलाम बनाते है! उनके लिये प्रेम अपने आप में पर्याप्त है! प्रेमियों के बीच हो, चाहे पति-पत्नी के संबधों में स्पेस चाहिए! अपनी-अपनी निजता का स्पेस, स्वतंत्र विचारोंसे ही रिश्ते फलते-फूलते है वर्ना संबंध एकदूसरे पर हावी होने लगते है!

         यदि हम किसी के विचारों से कभी प्रभावित हुये है तो, उन विचारों के प्रति उस व्यक्ति के प्रति सम्मान का भाव कभी कम न होने देना चाहिए! क्योंकि उस व्यक्ति के विचार ही उसकी पहचान है!

16 टिप्‍पणियां:

  1. बिल्कुल सच कहा आपने.. कब लोगों में प्रेम हुआ और कब ब्रेक-अप हो गया पता ही नहीं चलता..

    आज कल प्रेम का ये हाल हो गया है कि

    बात बन गई तो चांद तक
    और ना बनी तो शाम तक

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  2. ईमानदारी से विश्लेषण किया है आपने ...सहमत हूँ !
    वैसे आजकल प्यार है कहाँ ..??


    कैसे झेलूँ प्यार तुम्हारा
    टूटा मन शीशे जैसा !
    हर मीठी नज़रों के पीछे
    प्यार छिपा ! शंकित मन है !
    खंड - खंड विश्वास हुआ है, मोहपाश मैं बंधना क्या !
    मेरे एकाकी जीवन को , मधुर हास से लेना क्या !

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  3. स्वतंत्र विचारोंसे ही रिश्ते फलते-फूलते है वर्ना संबंध एकदूसरे पर हावी होने लगते है!

    बिल्कुल सही विश्लेषण ...

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  4. रिश्तों की गंभीरता को समझे बिना रिश्ते बनाये जाते हैं आजकल, ब्रेकअप तो होगा ही,
    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

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  5. क्योंकि उस व्यक्ति के विचार ही उसकी पहचान है!

    bahut sahi likha hai ...

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  6. सही कहा आपने...एक-दूसरे की भावनाओं की कद्र करना ही चाहिए...

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  7. आज कल प्यार के नाम पर स्वार्थ ज्यादा दिखता है..सही कहा आपने.व्यक्ति के विचार ही उसकी पहचान है! सुन्दर...

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  8. जहां प्यार है वहाँ ब्रेक-अप नहीं होगा । अगर सच में प्यार है तो स्पेस होगा ही । पूरा प्यार तभी होता है जब दोनों ओर से हो और बराबर का हो । बहुत कठिन है डगर पनघट की ।
    तेरे जहां में ऐसा नहीं की प्यार ना हो
    जहां उम्मीद हो इसकी वहाँ नहीं मिलता ...

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  9. प्रेमियों के बीच हो, चाहे पति-पत्नी के संबधों में स्पेस चाहिए! अपनी-अपनी निजता का स्पेस, स्वतंत्र विचारोंसे ही रिश्ते फलते-फूलते है वर्ना संबंध एकदूसरे पर हावी होने लगते है!
    सही विश्लेषण । प्यार णे अधिकार मांगा नही जाता मिल जाता है ।

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  10. सार्थक और उद्देश्यपूर्ण पोस्ट

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  11. अपनी-अपनी निजता का स्पेस, स्वतंत्र विचारोंसे ही रिश्ते फलते-फूलते है वर्ना संबंध एकदूसरे पर हावी होने लगते है!

    बहुत ही संतुलित दॄष्टिकोण अभिव्यक्त हुआ है आपके विचारों में, बहुत शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  12. One should not react on impulse !...Think twice before taking any decision .

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