कुछ फूल
मौसमी होते है
जो विशेष मौसम
में ही पौधों पर
में ही पौधों पर
खिलते है
अपने रूप,रंग,
गंध से माली को
ही नहीं, भौरों,
तितलियों को
तितलियों को
आते-जाते राह
पथिकों को अपने
सौन्दर्य से पल भर
सौन्दर्य से पल भर
आवाक कर
देते है … !
कुछ फूल पौधों पर
सदाबहार खिलते है
अपनी विशेष
खुशबु से भौरों,
तितलियों को
आकर्षित तो करते
ही है लेकिन
आस पास के
सारे परिसर को
प्रदूषण मुक्त भी
रखते है … !
इन,
मौसमी फूलों का
पौधों पर खिलना
सदाबहार फूलों का
सदाबहार होना
क्या इसे प्रकृति की
भूल माने या की
चमत्कार …. ??
प्रकृति कहाँ भूल करती हैं दी....
जवाब देंहटाएंउसने तो कई सुन्दर चमत्कारों से नवाज़ा है हमें....
हम इंसान ही हैं जो कभी भूल से तो कभी जानते बूझते प्रकृति को चोट देते रहते हैं...
सादर
अनु
अनेक रंग बिरंगे पुष्प सदा मन को प्रफुल्लित कराते हैं ....मुझे तो यह प्रकृती का चमत्कार ही लगता है ....!!:))
जवाब देंहटाएंप्रकृति सदा समायोजन करती रहती है. जैसे फ़ूलों के प्रकार हैं क्या वैसे ही इंसानों के भी ऐसे ही स्वभाव नही हैं?
जवाब देंहटाएंसटीक चिंतन.
रामराम.
सुन्दर
जवाब देंहटाएंलाजबाब सटीक प्रस्तुति ,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : तस्वीर नही बदली
प्रकृति में सबके लिए जगह है!
जवाब देंहटाएंहमें तो समझ ही नहीं आया..
जवाब देंहटाएंतीज की बधाई और ईद मुबारक स्वीकार करें !
ईद का दिन है, गले आज तो मिल ले आकर ,
रस्म-ऐ-दुनिया भी है,मौक़ा भी है,दस्तूर भी है।
सबसे प्यारी और इमानदार टिप्पणी है यह,
हटाएंताऊ जी की टिप्पणी पर गौर करे समझ जायेंगे
आभार :) !
रंग बिरंगे फूल तो प्रकृति के चमत्कार ही तो है सबसे खुबसूरत रचना ....
जवाब देंहटाएंसारगर्भित रचना के लिए आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ....
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