हवा ,पानी ,प्रकाश
काफी तो नहीं
आत्मविश्वास के
पंख दो उसे उड़ने को
सुदूर आकाश ....!
***
सपने उसके
अपनी आँखों से नहीं
उसकी आँखों से देखे
साकार करेगी
हम सबके .....!
***
बोल तो
दे दिए है हमने
गीत उसीका
गुनगुनाने दे उसीको
प्रेम गीत कोई ....!
***
इसके पहले कि ,
आदर्शों का मजबूत बांध
झटके में तोड़ दे
सहज बहने दे
नदी की धार को ....!
बहुत बढ़िया,सुंदर क्षणिकाए ,,,
जवाब देंहटाएंRecent post: एक हमसफर चाहिए.
बहुत सुंदर .... सब कुछ सहजता से ही हो .... आमीन
जवाब देंहटाएंबोल तो
जवाब देंहटाएंदे दिए है हमने
गीत उसीका
गुनगुनाने दे उसीको
प्रेम गीत कोई ....!
***
इसके पहले कि ,
आदर्शों का मजबूत बांध
झटके में तोड़ दे
सहज बहने दे
नदी की धार को ....!
बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें.
चारों ही क्षणिकाएं सुंदर हैं
जवाब देंहटाएंपता नहीं मां सावन में,यह ऑंखें क्यों भर आती हैं !
जवाब देंहटाएंमंगल कामनाएं !
सभी क्षणिकायें अपने आप में संपूर्ण है. सहज रूप से जीवन दर्शन का बोध कराती हुई, बहु शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.