मन, असहज से कहाँ भागे जा रहे हो ? जीवन की बिछी हुयी पटरियों पर रेलगाड़ी की भांति दौड़ो नहीं बहो सरिता की भांति गुनगुनाते गीत गाते सहज सरल जब की सागर तुम्हारा अंतिम लक्ष्य .....!
यही दुविधा है, मन रेल की पटरियों की तरह एक तय शुदा मार्ग पर चलना चाहता है या कहें कि जीवन में हम अपने बंधे बंधाये मार्गो पर चलना सुरक्षित समझते हैं जबकि जीवन का आनंद पानी तरह बहने में है.
पानी को मालूम है कि अंतत: वह समुद्र में ही पहूंचेगा, वह आश्वस्त है. मानव मन की भी यही परिणिती होनी है पर मानव है कि वह अपने आपको सर्वे सर्वा समझता है, पानी की तरह समर्पण भाव नही है उसके पास. तो यह दुविधा तब तक बनी रहेगी.
एक बहुत बडी बात को आपने चंद शब्दों में ढाल दिया, बहुत खूबसूरत.
मन को नदी के समान बहने की इजाजत देना और रेलगाडी के समान दौडने के लिए मनाई करना सुंदर और सहज अभिव्यक्ति है। अनछुए प्रसंग एवं प्रतीकों का सुंदर तालमेल कविता में किया है।
असहज मन कब काबू आता
जवाब देंहटाएंकमजोरी अपनी कह जाता !
शुभकामनायें ..
जब की
जवाब देंहटाएंसागर तुम्हारा
अंतिम लक्ष्य ....
शानदार,उम्दा प्रस्तुति,,,
RECENT POST: हमने गजल पढी, (150 वीं पोस्ट )
बहुत सुन्दर सोच है बधाई
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जवाब देंहटाएंबस लक्ष्य ही तो जान पाता यह मन..इसीलिए बेतहाशा दौड़ा जाता है ....
यही दुविधा है, मन रेल की पटरियों की तरह एक तय शुदा मार्ग पर चलना चाहता है या कहें कि जीवन में हम अपने बंधे बंधाये मार्गो पर चलना सुरक्षित समझते हैं जबकि जीवन का आनंद पानी तरह बहने में है.
जवाब देंहटाएंपानी को मालूम है कि अंतत: वह समुद्र में ही पहूंचेगा, वह आश्वस्त है. मानव मन की भी यही परिणिती होनी है पर मानव है कि वह अपने आपको सर्वे सर्वा समझता है, पानी की तरह समर्पण भाव नही है उसके पास. तो यह दुविधा तब तक बनी रहेगी.
एक बहुत बडी बात को आपने चंद शब्दों में ढाल दिया, बहुत खूबसूरत.
रामराम.
sahi bat antim lakshay se jee nahi chura sakte ...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंमन को नदी के समान बहने की इजाजत देना और रेलगाडी के समान दौडने के लिए मनाई करना सुंदर और सहज अभिव्यक्ति है। अनछुए प्रसंग एवं प्रतीकों का सुंदर तालमेल कविता में किया है।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंरेलगाड़ी की
जवाब देंहटाएंभांति
दौड़ो नहीं
बहो सरिता
की भांति
.....सरिता सबके हित में बहती हैं कोई भेदभाव नहीं करती ...
बहुत सुन्दर
सच कहा है जब अंतिम लक्ष्य पता हो तो सरिता की बहना चाहिए ..
जवाब देंहटाएंभाव मय रचना ..
मन बेलगाम है लेकिन इसको काबू करने वाले के कदमों में ये सारा जाहां है..
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