शब्दों के भीतर शब्द
अर्थों के भीतर गूढ़
अर्थ हुआ करते है
बैठ घडी भर गुन ले तो
समय सार्थक हो जाए .....!
होली का उत्सव तो
वर्ष में एक बार
आता है कुछ ऐसा
काम करो तो जीवन
उत्सव हो जाए .....!
बाहर के रंग तो
साबुन,पानीसे धुल जाते है
प्रेम का ऐसा गाढ़ा रंग
डालो तो, तन मन भीतर
आत्मा तक रंग जाए .....!
भांग का नशा क्या
घडी दो घडी में उतर जाता है
परमार्थ सुख का भांग पियो तो
होश भी रहे बाकी
खुमारी भी चढ़ जाए ....!
मिठाई गुझियों से परहेज नहीं
गीत ही ऐसा रच दो कि,
मिठास भी हो और
स्वाद भी आ जाए ....!
उत्सव हो, रंग हो, मस्ती हो,
तभी सुर सधते जीवन
वीणा के, गायक मन
गंधर्व बन जाए ....!
होली पर बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति,सादर आभार.
जवाब देंहटाएंमिठाई गुझियों से परहेज नहीं
जवाब देंहटाएंगीत ही ऐसा रच दो कि,
मिठास भी हो और
स्वाद भी आ जाए ....!
होली पर्व की मिठास के साथ सार्थक संदेश देती हुई सुंदर रचना, होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
रामराम.
बहुत सुंदर रचना ..... होली की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सामयिक रचना,
जवाब देंहटाएंहोली मुबारक
सच.....
जवाब देंहटाएंकाश कि ऐसी ही होली मनाये सब....
बहुत सुन्दर और सार्थक कविता.
सादर
अनु
bahut sundar bhaw...happy holi.....
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा सार्थक सन्देश देती सराहनीय रचना,,
जवाब देंहटाएंहोली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाए,,,,
Recent post : होली में.
जवाब देंहटाएंभावुक अनुभूति सार्थक रचना
बहुत बहुत बधाई
होली की शुभकामनायें
aagrah hai mere blog main bhi sammlit hon
aabhar
सुंदर मधुर ...
जवाब देंहटाएंशुभकमनाएं आपको !
रंग सभी के जीवन को जीवंत बना दें , शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंसुंदर सामयिक रचना
bahut sunder prastuti. holi ki subhkamnayen.
जवाब देंहटाएंkripya mere blog par bhi ayen aapka swagat hai.
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनायें!!!
जवाब देंहटाएंबाहर के रंग तो
जवाब देंहटाएंसाबुन,पानीसे धुल जाते है
प्रेम का ऐसा गाढ़ा रंग
डालो तो, तन मन भीतर
आत्मा तक रंग जाए ....
सच कहा है .. असल होली तो तभी है ... जो ऐसा रंग डाला जाए ...
होली की शुभकामनायें ..
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
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