हर कोई आये दिन किसी दुसरे को
मूर्ख बनाने के चक्कर में लगा ही है
मूर्ख दिवस तो एक बहाना है
और हम चौकन्ने रहते है कि,
कोई हमें न मूर्ख बना दे
फिर भी बन ही गए
और क्या खूब बन गए ....
सुना है कि,
जिसने आदमी को बना कर
पृथ्वी पर भेजने से पहले
उसके कान में कहा कि,
मैंने तुझ जैसा अच्छा
तुझ जैसा श्रेष्ठ किसी
दुसरे को नहीं बनाया है
और आदमी है कि,तबसे
इसी मजाक के सहारे
सारी जिन्दगी काट रहा है
शिष्टाचार वश किसी
दुसरे से कह नहीं पाता ....
पर शायद,
आदमी को यह पता नहीं है कि,
उसने भेजते समय सबके
कान में भी यही बात कही
हुई है ...
आदमी की इस मुर्खता पर
खुद जोर-जोर से हँसता होगा
कैसे बेवकुफ बनाया है
कह कर .....!
आदमी की इस मुर्खता पर
खुद जोर-जोर से हँसता होगा
कैसे बेवकुफ बनाया है
कह कर .....!
आदमी पैदायशी अच्छा होता है लेकिन आचरण और संगत गलत करने से बुरा बन जाता है,,,
जवाब देंहटाएंRecent post : होली की हुडदंग कमेंट्स के संग
हम दूसरों को मुर्ख समझने की अक्सर भूल करते है...बेहतरीन प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंसच कहा है ... सबसे पहला मूर्ख तो ऊपर वाले ने बनाया जो आज तक हमारे दिमाग में चल रहा है ...
जवाब देंहटाएंकड़वा सच है यह ...
जवाब देंहटाएंअक्सर जिससे आप अधिक विनम्र होते हैं वह आपको बेवकूफ समझने लगता है !
जवाब देंहटाएंजीवंत रचना
मन को छूती अनुभूति सुंदर अहसास
बहुत बहुत बधाई
आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों
मुझे ख़ुशी होगी
सच है, यह एक मूर्ख दिवस की बात नहीं है।
जवाब देंहटाएंVastvikta yahi lagti hai
जवाब देंहटाएंRamram
आज की ब्लॉग बुलेटिन इंडिया बनाम भारत.. ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंWah kya banaya hai !
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा..
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंआग्रह है मेरे ब्लॉग jyoti-khare.blogspotin
में भी सम्मलित हों ख़ुशी होगी
वाह मुर्ख दिवस तो बहाना है.
जवाब देंहटाएंSahi Kaha... :)
जवाब देंहटाएंहास्य पर चुटकी लेने वाला। आपकी कविता में मुर्खों की सवाशेर मुर्खता पर घांव मार्मिक रहा है। ईश्वर का आदमी के कान में कहना कि तुमसे सुंदर अच्छा दूसरा नहीं बनाया कहना कल्पना की चरमसीमा है।
जवाब देंहटाएंdrvtshinde.blogspot.com
बढ़िया पद्खर आनंद आया |
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
बहुत ,बढ़िया सुमन जी,आपने तीर एकदम निशाने पर मारा है...
जवाब देंहटाएंपर कभी-कभी गलतफहमियाँ भी खुशियाँ बिखेर देती है.....
धन्यवाद...