पौधों पर
फूलों का खिलना
फूलों की मज़बूरी नहीं
पौधों की ख़ुशी है ....
सुबह-सुबह
पंछियों का चहकना
गीत गाना, पंछियों की
मज़बूरी नहीं
उनकी ख़ुशी है ....
आज के इस
दौर में विचारों की
अभिव्यक्ति
ह्रदय का आनंद नहीं
खोपड़ी की मज़बूरी है ...
गैर सृजनात्मक
जीवन शैली से बेहतर
सृजनात्मक जीवन शैली
किसी पुरस्कार से
कम है क्या ...??
आओ,
परमात्मा की
इस अनोखी
भेंट का
सम्मान करे ....!
यह स्वाभाविक खुशियाँ ही जीवन धन हैं ..
जवाब देंहटाएंकार्य कोई भी हो जिसमे अपनी खुशी के साथ २ दूसरों को कष्ट न हो ..
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा अभिव्यक्ति,सुंदर रचना,,,
RECENT POST : प्यार में दर्द है,
sahi bat ......
जवाब देंहटाएंमन को उल्लासित करते बहव
जवाब देंहटाएं* भाव
जवाब देंहटाएंकोमल अभिव्यक्ति
विचारपूर्ण भावुक
सुंदर रचना
उत्कृष्ट प्रस्तुति
आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों
अनुपम
जवाब देंहटाएंभाव और यथार्थ की बहुत ही सशक्त अभिव्यति, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
सच कहा है ... ये सब उस परम पिता की दें है ओर बाहें पसार के इनका स्वागत करना मनुष्य का कर्तव्य भी है ..
जवाब देंहटाएंApna srujan bhee khushi denewala ho tab sarthak lata hai. sunder rachna.
जवाब देंहटाएंसोच की दिशा सही हो तो आनंद ही आनंद है।
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