शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2012

फिल्म 'इंग्लिश विंग्लिश'

आपको पता है, दुनिया में सबसे मुश्किल काम क्या है ? घर संभालना ....लेकिन सबको लगता है यही एक आसान काम है ! बिना तारीफ बिना मूल्य का अगर कोई काम है तो वह है होममेकर का जॉब ! यह एक ऐसा जॉब है जिसमे 24 घंटे और सातों दिन आप सतत काम करते रहते है !सुबह से देर रात तक न जाने कितने काम गृहिणी को निपटाने पड़ते है ! परिवार के सभी सदस्यों की इच्छाओं का ख्याल रखना पड़ता है ! सबका ध्यान रखते-रखते वह यह भूल ही जाती है कि, मेरा भी स्वतंत्र अस्तित्व है ! कल मेरी बिटिया ने कहा "चलो ममा आज बाहर घूम आते है " और सीधा ले गई फिल्म इंग्लिश विग्लिश दिखाने !मन तो नहीं था पर बिटिया के आग्रह के खातिर जाना पड़ा !जैसे ही फिल्म शुरू हुई बड़ा मजा आया ! फिल्म कब ख़तम हुई पता ही नहीं चला ! इस फिल्म को आप बिना बोर हुए शुरू से अंत तक मजेसे देख सकते है !महिलाओं को खास पसंद आ रही है ये फिल्म,लेकिन परिवार के सभी सदस्य देख सकते है ! श्रीदेवी को लंबे अरसे के बाद परदे पर देखकर अच्छा लगा ! आज भी उनका अभिनय एकदम सशक्त है !इंग्लिश विंग्लिश' मद्यम वर्ग की महिला की कहानी है जो फर्राटे से इंग्लिश बोलना नहीं जानती !एक ऐसी गृहिणी है वह ...जिसका जीवन सिर्फ घर पति बच्चे परिवार तक ही सिमित है ! आजकल के बच्चे अपनी मम्मी को सिर्फ माम नहीं सुपर माम के रूप में देखना चाहते है ! और पति ? कितना सम्मान करता है उसकी भावनाओं का ! गलती उनकी भी नहीं है शायद समय की मांग है कि, गृहिणी भी समय के साथ थोडा खुद को बदले! अंग्रेजी न जानने से ज्यादा अपनों से अपमानित होने का दर्द शशि यानी श्रीदेवी के चेहरे पर साफ दिखाई देता है। बहुत सारे दृश्य मन को छू लेने वाले है ! अगर अब तक इस फिल्म को देखा नहीं है तो देख डालिए ! यह एक अच्छी फिल्म है ! इस पोस्ट को लिखते हुए सोच रही हूँ बिटिया ने क्योंकर मुझे आग्रह करके  'इंग्लिश विंग्लिश' फिल्म दिखाने ले गई होगी भला ? अब पता चला कि, किसी की कमजोरियों को उसके मुह पर बताने से अच्छा है शालीनता से इस फिल्म कों ही दिखाया जाय :)  ये आजकल की लड़कियां भी ना खैर ...! फिर देर किस बात की आज जा रहे है ना  'इंग्लिश विंग्लिश' देखने ?

13 टिप्‍पणियां:

  1. आपसे 'इंग्लिश विंग्लिश' के बारे में जानकर अच्छा लगा.
    समय और अवसर मिला तो देखने की कोशिश करेंगे,

    आपको अच्छा लगे और समय मिले तो मेरे ब्लॉग पर
    भी आईएगा,सुमन जी.

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  2. तब तो मुझे भी देखना है :)
    बिटिया को मेरी तरफ से आभार व्यक्त कर देना !

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  3. 'इंग्लिश विंग्लिश' फिल्म की अगर आपने इतनी तारीफ़ की है,फिल्म देखनी ही पडेगी,,,,आभार

    MY RECENT POST: माँ,,,

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  4. वाह...
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (14-10-2012) के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    सूचनार्थ!

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  5. फिल्म देखी है, सशक्त और प्रभावी फिल्म है .....मर्म को छू गयी

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  6. यह फ़िल्म जरूर देखनी चाहिए ...एक प्रेरक फ़िल्म ...

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  7. वैसे तो हम फिल्मे बहुत कम देखते है | आपने इस फिल्म की तारीफ़ ही इतनी कर दी है लगता है देखनी ही पडेगी |

    टिप्स हिंदी में

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  8. फिल्म को देखना पड़ेगा। मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है।

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  9. बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत बधाई आपको

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  10. प्रायः सबने फ़िल्म को सराहा है। ज़रुर देखेंगे।

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  11. यह इत्तेफ़ाक है कि १४ अक्टूबर को मैंने भी यह
    फिल्म देख ही डाली.पत्नी का जन्म दिन था,अचानक
    बेटी और दामाद घर आकर हमें यह फिल्म दिखाने
    आग्रह करके ले गए.अच्छी रोचक भावमय फिल्म है.

    मेरे ब्लॉग पर आपके आने का हार्दिक आभार,सुमन जी.

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  12. सुमन जी. सबसे पहले ये कहना चाहता हूँ कि स्त्री की जिम्मेदिरियां और परेशानियां पुरुषों से कहीं अधिक होती है. पूरे घर को संभालना कोई सहज काम नहीं है और ये एक ऐसी नौकरी है जिससे नारी कभी इस्तीफ़ा नहीं दे सकती. अभी तक तो मैंने ये फिल्म नहीं देखी पर अब देखूंगा.

    हाँ मेरे पुस्तक के बारे में आपकी टिपण्णी पढ़ी. सुखद अनुभव था कि आप मेरा उपन्यास "स्वयंवर" पढ़ना चाहती हैं. बस आपसे इतना हीं कहना चाहूँगा कि अगर आप इस पुस्तक को पसंद करें तो अन्य लोगों को इसके बारे में बताएँ. पाठकों द्वारा प्राप्त समीक्षा हीं इस पुस्तक का असली विज्ञापन होगा.

    नीलाभ वर्मा

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