भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के साथ, हमारे शहर में दस दिवस तक चलने वाला गणेश चतुर्थी का यह त्यौहार प्रारंभ हुआ है ! हर साल की तरह इस साल भी हमारे शहर में यह त्यौहार बड़े धूम-धाम से मनाया जायेगा ! हर गली,मुहल्लों में,सड़कों-चौराहों पर विभिन्न अवतारों में अनगिनत गणेश प्रतिमाये स्थापित कर भक्तगण विधिवत पूजा-अर्चना करने में लगे है !घर-घर में पूजा अर्चना के साथ गणेश जी का मनपसंद भोजन मोदक बना रही है गृहिणियां ! गणेश पंडालों में, मै बड़ा की तू बड़ा की होड़ करते तक़रीबन ५० हजार गणेश प्रतिमायें स्थापित हुई है !जिस गली का चंदा जितना तगड़ा उतना बड़ा गणेश ! मूषक पर सवार गणपति बाप्पा खुश हो रहे है,मुस्कुरा रहे है जैसे ....हमारे नेतालोग आम आदमी की पीठ पर बैठकर खुश हो रहे होते है वैसे !
कई बार मन में एक प्रश्न उठता है कि, आम आदमी को आम क्यों कहा जाता है ? कौनसे ऐसे आम के विशिष्ठ गुण होते है उसमे ? बहुत खोज बिन क़ी तो पता चला सही में आम के खास गुण होते है उसमे !
वह यह कि, अगर आम आदमी कच्चा है तो उसपर नमक,मिर्च छिडक कर खाया जा सकता है ! उसकी चटपटी चटनी बनाई जा सकती है !अगर पका हुआ है तो चूसने में बड़ा मजा आता है !
आप क्या कहते हो ? क्या मै गलत कह रही हूँ ?
आदमी को आम आदमी इसी लिये कहा गया है,जैसा चाहे उपयोग करे,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST समय ठहर उस क्षण,है जाता,
ोह! लाजवाब!
जवाब देंहटाएंअंतिम तीन पंक्तियां जबर्दस्त!! इस ढंग से तो कभी सोचा ही नहीं था।
इसे काव्य रूप दें।
जी, आभारी हूँ ...यदि चार पंक्तियाँ काव्य की आप ही लिख देते तो
हटाएंमुझे ख़ुशी होगी !
:-)
जवाब देंहटाएंबढ़िया....
हाँ और आम की तरह आम आदमियों की भी ढेरों किस्में हैं....
सभी अपने अपने रंग/महक और स्वाद लिए...
सादर
अनु
बहुत बढिया
जवाब देंहटाएंओम गणेश
:) Bahut Badhiya
जवाब देंहटाएंअगर आम आदमी कच्चा है तो उसपर नमक,मिर्च छिडक कर खाया जा सकता है ! उसकी चटपटी चटनी बनाई जा सकती है !अगर पका हुआ है तो चूसने में बड़ा मजा आता है !
जवाब देंहटाएंआप क्या कहते हो ...
हर स्वाद अलग है :))
बहुत सुन्दर गणेश जी की जय हो
जवाब देंहटाएंआपने आम आदमी की जो व्याख्या की है काबिले-तारीफ़ है |
जवाब देंहटाएंबेचारा आम आदमी!
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