चीन की बहुत बड़ी दार्शनिक परंपरा है जिसका नाम है ताओवाद ! ईसापूर्व तीसरी शताब्दी में ताओ दर्शन प्रौढ़ हुआ, और तभी से ताओ ग्रन्थ में ली तजु नामक दार्शनिक का उल्लेख आता है !
ताओ का मतलब होता है मार्ग या फिर यूँ कहे कि, वह नियम जिससे अस्तित्व क़ी हर चीज संचालित होती है ! ताओवाद लोगों को रहस्यपूर्ण, हास्यपूर्ण छोटी छोटी कहानियों द्वारा मार्ग दर्शन करता है !छोटी-छोटी कहानिया पर अर्थ बड़े गंभीर और अर्थपूर्ण होते है !
एक नमूना पेश है ...."कुआन मिन ने ली तजु से कहा , "यदि तुम्हारे शब्द सुंदर या असुंदर है तो वैसी ही उसकी प्रतिध्वनि होगी ! यदि तुम्हारी आकृति छोटी या लंबी हो तो वैसी ही उसकी छाया होगी !शोहरत प्रतिध्वनि है, आचरण छाया है ! इसलिए कहते है, अपने शब्दों के प्रति सावधान रहना क्योंकि कोई न कोई उनसे सहमत होगा ! अपने आचरण की फिक्र करना कोई न कोई उसकी नक़ल करेगा" ! ताओ दर्शन में इस प्रकार की छोटी-छोटी कहानियाँ वह सब कह देती है जो बड़े बड़े दर्शन शास्त्र नहीं कह पाते !
अभिव्यक्ति की आजादी की हम सब बात करते है ! युवा कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी इन दिनों अपने विवादास्पद कार्टूनों के लिए देशद्रोह के विवादों में घिरा है ! आजादी परम संवेदनशीलता है इसका हम किस प्रकार उपयोग करते है यह हमारे attitude पर निर्भर करता है !
आवश्यक सुचना;- बेहतरीन कवि,कथाकार,समीक्षक हमारे ब्लॉग परिवार के जानेमाने वरिष्ठ सदस्य
"कलम" ब्लॉग के ब्लॉगर श्री चंद्रमौलेश्वर प्रसाद जी नहीं रहे ! आपका स्नेह कभी भूल नहीं पाऊँगी भाई जी, इश्वर आपकी आत्मा को शांति दे, अश्रुपूरित नेत्रों से भाव भीनी श्रद्धांजलि समर्पित करती हूँ !
सही है सुमन जी और असीम जी के कार्टून उनकी मानसिक अपरिपक्वता दर्शाते है अपनी बात कहने के शिष्ट तरीके भी हैं ऐसी अशिष्टता निंदनीय है. .. .औलाद की कुर्बानियां न यूँ दी गयी होती .
जवाब देंहटाएंsahi bat hai suman jee soch.samajh kar bolna jaruri hai ...
जवाब देंहटाएंसोच समझ कर अभिव्यक्ति होनी चाहिए ...सही है
जवाब देंहटाएंसटीक लेख .....
जवाब देंहटाएंश्री चंद्रमौलेश्वर प्रसाद जी जी की आत्मा को शांति मिले .... विनम्र श्रद्धांजलि
यह बात आचरण के दिखावे की ओर भी संकेत करती है। नकल करने वालों को नक्कालों से भी सावधान रहना चाहिए।
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