सुंदर और सटीक...हर व्यक्ति को अपने हिस्से का दुःख खुद ही झेलना पड़ता है. समस्याओं का समाधान खुद निकलना पड़ता है, लोग तो सिर्फ़ सांत्वना ही दे सकते हैं...
सांत्वना किसी काम की नहीं , अपने अपने दुःख और अपने अपने सुख !
बहुत उम्दा .....सबका साझा सा दर्द है ये
Bahut sunder aur khari abhiwyakti acne duke ki tarah.
Apane dukh
सच है। समस्या अपनी, हल भी खुद ही ढूँढना है। फिर भी अक्सर डूबते को तिनके का सहारा काम आ सकता है।
अपनी समस्यओं का हल खुद ही ढूँढना पड़ता है
आपकी कविता पढ़कर मन अभिभूत हो गया.......भावपूर्ण अच्छी प्रस्तुति
सच है..रहीम के बातें सब सुनते और अमल करते तो कितना अच्छा होता.
सुंदर और सटीक...हर व्यक्ति को अपने हिस्से का दुःख खुद ही झेलना पड़ता है. समस्याओं का समाधान खुद निकलना पड़ता है, लोग तो सिर्फ़ सांत्वना ही दे सकते हैं...
जवाब देंहटाएंसांत्वना किसी काम की नहीं , अपने अपने दुःख और अपने अपने सुख !
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा .....सबका साझा सा दर्द है ये
जवाब देंहटाएंBahut sunder aur khari abhiwyakti acne duke ki tarah.
जवाब देंहटाएंApane dukh
जवाब देंहटाएंसच है। समस्या अपनी, हल भी खुद ही ढूँढना है। फिर भी अक्सर डूबते को तिनके का सहारा काम आ सकता है।
जवाब देंहटाएंअपनी समस्यओं का हल खुद ही ढूँढना पड़ता है
जवाब देंहटाएंआपकी कविता पढ़कर मन अभिभूत हो गया.......भावपूर्ण अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसच है..रहीम के बातें सब सुनते और अमल करते तो कितना अच्छा होता.
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