आश्रम में तोड़ फोड़
शिविर में लगाई आग
विरोध के दौरान
थोडा धैर्य रखिए
हो रहा बदलाव ...!
***
तब उस विंडो के सामने
खड़े रहने की थी मनाई
अब इस विंडो के सामने
दिन-रात बैठने आजादी
क्या यह बदलाव नहीं ...?
बढिया,
जवाब देंहटाएंये संदेश सही लोगों तक पहुंच जानी चाहिए
सार्थक सन्देश देती सुंदर प्रस्तुति,,,,
जवाब देंहटाएंrecent post : जन-जन का सहयोग चाहिए...
बहुत सटीक बात कही आपने.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत सही बात कही है आपने .सार्थक भावनात्मक अभिव्यक्ति भारत सदा ही दुश्मनों पे हावी रहेगा .
जवाब देंहटाएंसाथ ही जानें
@ट्वीटर कमाल खान :अफज़ल गुरु के अपराध का दंड जानें .
बदलाव तो है ... पर दिशा अभी तक पूरी तरह से तय नहीं है इस बदलाव की ..
जवाब देंहटाएंभावमय प्रस्तुति है ...
निसंदेह यदि आकंक्षा है तो बदलाव हो कर रहेगा.
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें पोंगल, मकर संक्रांति और माघ बिहू की.
सटीक......... विचारणीय
जवाब देंहटाएंभारत को आज़ादी मिली रातमे पर अबतक सवेरा नहीं हुआ। बदलाव जरुरी है। बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंतब उस विंडो के सामने
जवाब देंहटाएंखड़े रहने की थी मनाई
अब इस विंडो के सामने
दिन-रात बैठने आजादी
क्या यह बदलाव नहीं ...?
बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ . सुंदर प्रस्तुति
वाह .बहुत सुन्दर
ऐसे गुरु रहे तो फिर विद्रोह देखिये
जवाब देंहटाएंकुछ इंतज़ार कीजिये,बदलाव देखिये