हे कृष्ण,
इनके कहने पर आज
तुम्हारे मंदिर में आई हूँ
तुम्हारे चरणों पर चढाने
कुछ ताजे फूल लाई हूँ
मंदिर में बढती भीड़
और इस भीड़ में
क्या दम तुम्हारा
घुटता नहीं ?
दूध,घी,तेल से
नहलाने पर देह तुम्हारी
चिपचिपी होती नहीं ?
सदियों से बांसी प्रार्थनायें
सुन-सुनकर उबता नहीं
मन तुम्हारा ?
ऐसे में हे कृष्ण,
कैसे खड़े रह सकते हो
पाँव पर पाँव धरे हुये
होंटों पर पथराई-सी
मुस्कुराहट और बांसुरी
लिये हुये !
बस इतनी सी कृपा कर दो
स्विस बैंक में कबसे बंद पड़ी
लक्ष्मी जी को मुक्त कर दो
ताकि हम सब यह यकीं
कर ले क़ि, तुम हो
यहीं कहीं हो ......
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंक्या कहने
वैसे कलयुग में अब ना आना रे मेरे प्यारे कृष्ण कन्हैया
बहुत सुन्दर ...जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये !
जवाब देंहटाएंवाह....आपकी अनोखी मांग पूरी कर दें कान्हा बस...........
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं..
अनु
बेहतरीन प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएंश्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
RECENT POST ...: पांच सौ के नोट में.....
एक नई सोच के साथ समकालीन मुद्दे को आपने इस प्रसंग से जोड़ा है। यह प्रभावित करता है।
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति..श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ ऑनर किलिंग :सजा-ए-मौत की दरकार नहीं
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर...... मनमोहक रचना , शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंआपकी असाधारण प्रार्थना में हम सभी की प्रार्थना शामिल है. बढ़िया रचना.
जवाब देंहटाएंAAPKO BHI SHRI KRISHN JANMASHTMI KI HARDIK SHUBHKAMNAYEN JOIN THIS-WORLD WOMEN BLOGGERS ASSOCIATION [REAL EMPOWERMENT OF WOMAN
जवाब देंहटाएंsundar rachna.
जवाब देंहटाएंपूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सभी को श्री कृष्णजन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन कृष्ण जन्म सबकी अंतरात्मा में हो मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बस इतनी सी कृपा कर दो
स्विस बैंक में कबसे बंद पड़ी
लक्ष्मी जी को मुक्त कर दो
:)
वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप सुंदर रचना के लिए
साधुवाद
आपकी मांग तो बड़ी ज़बरदस्त है :) बहुत सुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंजन्माष्टमी की शुभकामनायें
बहुत उत्कृष्ट अभिव्यक्ति..श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!
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