शुक्रवार, 10 अगस्त 2012

हे कृष्ण...



हे कृष्ण,
इनके कहने पर आज 
तुम्हारे मंदिर में आई हूँ 
तुम्हारे चरणों पर चढाने 
कुछ ताजे फूल लाई हूँ 
मंदिर में बढती भीड़ 
और इस भीड़ में 
क्या दम तुम्हारा 
घुटता नहीं ? 
दूध,घी,तेल से 
नहलाने पर देह तुम्हारी 
चिपचिपी होती नहीं ?
सदियों से बांसी प्रार्थनायें
सुन-सुनकर उबता नहीं 
मन तुम्हारा ?
ऐसे में हे कृष्ण,
कैसे खड़े रह सकते हो 
पाँव पर पाँव धरे हुये 
होंटों पर पथराई-सी 
मुस्कुराहट और बांसुरी 
लिये हुये !
बस इतनी सी कृपा कर दो 
स्विस बैंक में कबसे बंद पड़ी 
लक्ष्मी जी को मुक्त कर दो 
ताकि हम सब यह यकीं
कर ले क़ि, तुम हो 
यहीं  कहीं हो ......

14 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर
    क्या कहने


    वैसे कलयुग में अब ना आना रे मेरे प्यारे कृष्ण कन्हैया

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर ...जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये !

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह....आपकी अनोखी मांग पूरी कर दें कान्हा बस...........
    शुभकामनाएं..

    अनु

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन प्रस्तुति,,,
    श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
    RECENT POST ...: पांच सौ के नोट में.....

    जवाब देंहटाएं
  5. एक नई सोच के साथ समकालीन मुद्दे को आपने इस प्रसंग से जोड़ा है। यह प्रभावित करता है।

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर अभिव्यक्ति..श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ ऑनर किलिंग :सजा-ए-मौत की दरकार नहीं

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुंदर...... मनमोहक रचना , शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  8. आपकी असाधारण प्रार्थना में हम सभी की प्रार्थना शामिल है. बढ़िया रचना.

    जवाब देंहटाएं
  9. पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सभी को श्री कृष्णजन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ !
    ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन कृष्ण जन्म सबकी अंतरात्मा में हो मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    जवाब देंहटाएं


  10. बस इतनी सी कृपा कर दो
    स्विस बैंक में कबसे बंद पड़ी
    लक्ष्मी जी को मुक्त कर दो

    :)

    वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप सुंदर रचना के लिए
    साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  11. आपकी मांग तो बड़ी ज़बरदस्त है :) बहुत सुंदर रचना ।

    जन्माष्टमी की शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत उत्कृष्ट अभिव्यक्ति..श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं