सोमवार, 2 जुलाई 2012

तस्मै श्री गुरुवे नमा: !!


गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्‍वरः !
गुरु साक्षात्‌ परब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नमः ॥"

आज गुरुपूर्णिमा है ! हमारे शास्त्रों में गुरु का विशेष महत्व बताया गया है !माता-पिता, शिक्षक, मित्र यह सब हमें पूज्यनीय और गुरुसमान है इनके सहाय्यता के बिना हम आज कुछ भी नहीं होते ! हमारे व्यक्तित्व निर्माण में इन सबकी महत्वपूर्ण भूमिका है !व्यक्तित्व निर्माण में यह सब लोग नीव की तरह है तो सद्गुरु शिखर के समान है !पता नहीं सद्गुरु का सही मतलब क्या होता है लेकिन मै व्याख्या मेरे अनुसार ही करूंगी ! सद्गुरु वह होता है जिसने इस अस्तित्व में व्याप्त उस परमात्मा के स्वाद को चखा है और अपने शिष्य को चखने के लिये साधना से प्रेरित किया है ! प्रकृति के कण-कण में व्याप्त उस दैवी उर्जा को आप कॉस्मिक एनर्जी भी कह सकते हो ! जिस सद्गुरु के चरणों में बैठकर हंसते-हंसते कैसे जिया जा सकता है जीने की कला सीखी ! उस सद्गुरु के प्रति,पृथ्वी,आप,तेज,वायु और आकाश इन पंच तत्वों के प्रति अनंत अनंत आभार !

" गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर सभी गुरुजनों को,मित्रों को  सादर चरण वंदन.. नमन.. अभिनन्दन .." 
आप सभी को'गुरु पूर्णिमा' के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाये एवं  बधाईयाँ...

11 टिप्‍पणियां:

  1. कौन धूप में,जल को लाकर
    सूखे होंठो, तृप्त कराये?
    प्यासे को आचमन कराने
    गंगा, कौन ढूंढ के लाये?
    नंगे पैरों,गुरु दर्शन को,आये थे मन में ले प्रीत !
    सच्चा गुरु ही राह दिखाए ,खूब समझते मेरे गीत!

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  2. लेकिन सच्चे गुरु ...उतने समर्पित अब कहाँ मिलते है ......आज के दिन तो मैं भी अपने गुरु डॉ चंद्रकांत बांदीवडेकर को याद करना चाहूंगी ...जिन्होंने सर्व पहल मुझे लिखने के लिए प्रेरित किया

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  3. नमन ..आज के पावन पर्व पर सभी आदरणीय गुरुजनों को..

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  4. गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्‍वरः
    गुरु साक्षात्‌ परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:

    गुरुपूर्णिमा पर गुरुओं के चंरणो वंदन

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  5. सभी गुरुओं को नमन .... सुंदर प्रस्तुति

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  6. गुरु साक्षात्‌ परब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नमः ॥"
    सादर नमन,,,,,
    MY RECENT POST...:चाय....

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  7. गुरु पौर्णिमा पर सार्थक प्रस्तुति ।

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