ऐसा कोई दिन नहीं है
ऐसी कोई रात नहीं
जहाँ नित नये क़िस्से
दिलचस्प घटनायें
न हो ऐसा कोई
शहर नहीं है
साधु-संत ज्ञानी
आजकल हर टी. वी.
चैनलों पर छाये है
हाईटेक हुए है बाबाजी !
ये है सब सत्ता के उपासक
कनक कामिनी के पुजारी !
इनका काम है पाखंड
रचाकर छलना मासूमों को
इनके नाम अनेक पर
लक्ष्य सबका एक
सत्ता, रुपया, शासन !
सुनो कुछ गुणों तो
क्या कहता है
शास्त्र पुरान
कण-कण में भगवान
फिर इनका है क्या काम !
आजकल दुनिया में
यही तो हो रहा है
उनमे इनमे कोई
भेद नहीं है
एक जैसी कूटनीति
एक जैसा व्यापार
फल-फूल रहा है
जरा ध्यान से देखिये
बड़ा सूक्ष्म भेद है
दोनों में
वे करते है देश के नाम
ये करते है भगवान के !
इनके नाम अनेक पर
जवाब देंहटाएंलक्ष्य सबका एक
सत्ता, रुपया, शासन !
बिलकुल सही कहा आपने .....लोगों के स्वभावों और भावनाओं ..दोनों का शोषण करना ही इनका उद्देश्य है .....
हम भी बाबा बनाने की सोंच रहे हैं ...
जवाब देंहटाएंहमारे उस्ताद होंगे श्री श्री १०००८ अली सय्यद फकीर ...
आइये और कमाइए ...
हा ....हा .हा .....मजेदार टिप्पणी है !
हटाएंवैसे हमारे भी उस्ताद है जी ....... वे इन पाखंडी बाबाओं के तंत्र,मंत्र जाल से जागरूक करते है !
और उनका नाम है ओशो ! बहुत आभार सतीश जी !
......................कमज़ोर वक्त में लाठी खोजते हैं लोग........
जवाब देंहटाएंऔर मानो तो भगवान.....ना मानों तो पत्थर....................
आस्था है अपनी अपनी.................
सार्थक लेखन सुमन जी.
सार्थक रचना ....
जवाब देंहटाएंकौन समझाए जनता को ...?
यही तो हो रहा है
जवाब देंहटाएंउनमे इनमे कोई .....har jagah gaurakhdhandha .....kis..kis ko samjhayen kaise khud ko bachayen...
जी आपके सामने मुझे आलू की टिक्की क्यों दिखाई दे रही है ?
जवाब देंहटाएंबाबा जी मैने कल ही टिक्की खाई थी..
अच्छा! ये बताइये कि आपने टिक्की हरी चटनी से खाई या लाल चटनी से ?
बाबा मुझे हरी चटनी अच्छी लगती है..
ओह बस यही गलती की आपने.. जाओ आज लाल चटनी से टिक्की खुद भी खाना और अपने पांच ऐसे दोस्तों को भी खिलाना जिन्होंने हरी टीशर्ट पहनी हो..
कृपा आनी शुरू हो जाएगी, कैसा भी लिखो सौ से ज्यादा कमेंट मिलेंगे।
हाहहाहाहहा.. बहुत सुंदर..
महेंद्र जी,...लगता है मुझ पर बाबा जी कृपा हो गई,बस एक कमेन्ट आपका और एक सुमन जी, का आ जाय तो बस १०० कमेंट्स हो जाएगे,बस लाल चटनी के साथ टिक्की खाउगां और ५ हरे शर्ट वाले दोस्तों को खिलाउगा,...शायद बाबा जी की कृपा से २००
हटाएंकमेंट्स आ जाए,...
जब तक हम लोग बाबाओं के अंधविस्वास को मानते रहेगे,तब तक बाबाओं की चांदी ही चांदी रहेगी,चाहे वे निर्मल बाबा हो या कोई भी बाबा,सबका काम है सिर्फ बेवकूफ बनाकर पैसा कमाना,...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सार्थक सटीक बाबाओं की पोल खोलती रचना...बेहतरीन पोस्ट के लिए ,,सुमन जी बधाई ...
मेरे पोस्ट पर आइये आपका स्वागत है,....
.
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: आँसुओं की कीमत,....
sir, maine aapki post par tippani ki hai ....
हटाएंबाबाओं से बच कर रहना हमें अभी सीखना है!..संजोग से मेरी पोस्ट पर भी बाबाओं का ही जिक्र है! लिंक देखिएँ
जवाब देंहटाएंhttp://arunakapoor.blogspot.in/2012/04/blog-post_16.html
हे भगवान
जवाब देंहटाएंकृपा कर उनपे
मिले छुट्टी!
हर तरफ़ लूट मची है, व्यापार का बाज़ार गर्म है। पतन ही पतन है।
जवाब देंहटाएंएक जैसा व्यापार
जवाब देंहटाएंफल-फूल रहा है
जरा ध्यान से देखिये
बड़ा सूक्ष्म भेद है
दोनों में
वे करते है देश के नाम
ये करते है भगवान के !
Ji Han... Sateek Panktiyan
बहुत सटीक और सार्थक!
जवाब देंहटाएंbholi janta ka ye baba bankar pagal banate hain .in par shikanja kasa hi jana chahiye .badhiya post .aabhar
जवाब देंहटाएंLIKE THIS PAGE AND WISH INDIAN HOCKEY TEAM FOR LONDON OLYMPIC
सब तन्त्र माया का है, या माया का ही तन्त्र है।
जवाब देंहटाएंयह हमारा दिया हुआ नहीं, बाबा का ही मन्त्र है।