पिछली बार हम कब हँसे थे ? कुछ याद आया ? नहीं ना ? सच में हमें जीवन की रोजमर्रा की परेशानियों ने इतना चिंतित कर दिया है कि, हँसना जैसे हम भूल ही गए है ! या फिर परेशानियों के हम इतने आदी हो गए है कि, हंसने के लिये समय ही नहीं मिलता ! कभी-कभी छोटे-छोटे परेशानियां भी हम स्वयं ही पैदा कर लेते है, दुखी होते है और दोष दूसरों को देते है ! लगता है हमारे दुःख का कारण वे ही लोग है ! कभी-कभी परेशानिया इतनी अधिक भी नहीं होती जितना कि हमारा मन उनको बढ़ा-चढ़ाकर देख लेता है ! परिस्थितियां चाहे जो भी हो हर हाल में हँसना हँसाना भी एक कला है ! हंसने से दुःख, परेशानिया दूर होंगी ही ऐसी बात नहीं है, पर उन्हें झेलने की जरुर हिम्मत आ जाती है ! हँसना प्रकृति ने मनुष्य को दिया हुआ खुबसूरत वरदान है ! जानवर हँस नहीं सकते ! जानवर तनाव मुक्त प्राणी है ! हंसने के लिये कोई खास कारण हो यह भी जरुरी नहीं है ! आप को इस में महारत हासिल है तो आप खुद रोज के जीवन में हंसी पैदा कर सकते हो ! हँसना अच्छे स्वास्थ्य के लिये बेस्ट मेडिसिन है ! कभी यह प्रयोग कर के देख लीजिये ! जब भी आप रात सोने अपने बिस्तर पर जाते हो, बिस्तर पर बैठ कर शरीर को रिलैक्स कर पांच मिनिट बिना कारण हँसिये फिर सो जाइये ! सुबह उठते समय एक बार फिर से इस प्रयोग को दोहराईये ! कुछ दिन आप को यह क्रिया बेवकूफी जैसी लगेगी ! लेकिन कुछ ही दिनों में आप पायेंगे कि, रोज क़ी हमारी जीने की गुणवत्ता में, क्वालिटी में काफी अंतर हुआ है ! इस प्रयोग से दिनभर आप अन्य दिनों क़ी अपेक्षा अधिक आनन्दित, अधिक उर्जावान महसूस करेंगे ! किन्तु हँसना सांत्वना क़ी तरह नही, जीवन के प्रति अनुग्रह क़ी तरह इसका उपयोग कीजिये ! सांत्वना चाहे जो भी हो उथली-उथली होती है !
bahut achchhi tarah se suman ji aapne jeevan jeene ka tareeka sikhaya hai.lekin ek bat hai janvar bhale hi hothon se n hans saken par ve apne kirya-kalapon se hame dikha dete hain ki ve khush hain.bahut achchha laga aapko padhna.aabhar.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया...
जवाब देंहटाएंसच कहा आपने...परेशानियां किसे नहीं होतीं...हँसते मुस्कुराते रहें तो उनका एहसास कम होता है...
सादर.
सच है हंसने से तमाम चिंताएं डर कर भाग जाती हैं ...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हिदायत दी है आपने ..:)
kalamdaan.blogspot.in
सुमन जी,..आपने सही कहा,सांत्वना चाहे जो भी हो उथली उथली होती है,...
जवाब देंहटाएंसुंदर आलेख के लिए बधाई,...
NEW POST काव्यान्जलि ...: चिंगारी...
बहुत बढ़िया नुस्खा बताया है आपने / करेंगे / निश्चित ही यह क्रिया मुझे बेवकूफों जैसी नहीं लगेगी , अब और किसी को लगे तो कह नहीं सकते
जवाब देंहटाएंहास्य में से आपने बढ़िया हास्य निकाला है !
हटाएंमुझे बहुत पसंद आई आप की बात, वैसे भी हमारी बहुत सारी आदते दूसरों को बेवकूफी की लगती है
हम छोड़ थोड़े ही देते है ! ये भी एक सही .......बस कुछ दिन का ही प्रयोग है :)
हास्य योग ...
जवाब देंहटाएंसच है हास्य का ओना ही महत्त्व है जीवन में ... तनाव मुक्त होने के लिए अच्छा सुझाव है आपका ...
ikdm shi kha aapne.
जवाब देंहटाएंमैं सदके जावां...
जवाब देंहटाएं:):) अच्छा नुस्खा है ...
जवाब देंहटाएंहंसी जीवन को हसीं बनाती है|
जवाब देंहटाएंसंसार में जितने भी प्राणी हैं, उनमे केवल मनुष्य के मुंह पर हंसी फबती है. बाकियों के तो हंसने की कल्पना मात्र से ही हंसी छूटती है.
जवाब देंहटाएंमुस्कुराहटें जीवन को जीवंत बना देती हैं......सच में हम हँसना तो भूल ही गए हैं......
जवाब देंहटाएंरंगोत्सव पर पूरे परिवार को शुभकामनायें स्वीकार करें ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर बात कही है आपने कोशिश तो यही रहती है मेरी की खूब हसु और हँसाऊ . . . आपके ब्लॉग पर आपके बहुत अच्छा लगा . . . अगर समय लगे तो आप सादर आमंत्रित है मेरे ब्लॉग पर http;//www.yogeshkikalam.blogspot.com
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