वर्ष २०११ का यह अंतिम महिना है ! बस कुछ ही दिनों में नया वर्ष आने वाला है !
आईए हम सब मिलकर हर्ष और उल्लास के साथ इस वर्ष को विदा करते है !
और पुरे उत्साह और आनंद के साथ नए वर्ष का स्वागत करते है !
एक पल आयाएक पल गयाएक पल हँसा गयाएक पल रुला गया
जीवन पाटी पर कभी गम केकभी खुशियों के रंग भरकरदिवस एक बीत गयावर्ष एक बीत गया !
समय कहाँ कब रुकता हैकालचक्र चलता रहता हैकभी आशा है कभी निराशासफलता में छुपी असफलता
सुख-दुःख में बंधा है जीवनधूप-छाँव का खेल तमाशादूर है मंजील, राही अकेलारात है छोटी सपने ज्यादा
जो साकार इन्हें है करनाकदम कहते है रुक जानासमय कहता है चलते जानादूर मंजील को है पाना
दिवस एक बीत गयावर्ष एक बीत गया !
http://sumitpatil88.blogspot.com/2011/12/joe-satriani-art-of-expression.html
बहुत अच्छी रचना...नव वर्ष की अग्रिम शुभ- कामनाएं
जवाब देंहटाएंनीरज
कविता समय चक्र के तेज़ घूमते पहिए का चित्रण है। कविता की पंक्तियां बेहद सारगर्भित हैं।
जवाब देंहटाएंसमय कहता है चलते जाना
जवाब देंहटाएंदूर मंजील को है पाना .very nice.
क्या कहने,
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
वाह..... बहुत ही सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंहां,जो आ रहा है,उसका अभिवादन और जो जा रहा है उसके प्रति आभार का भाव ही सम्यक् जीवन-शैली है।
जवाब देंहटाएंविगत को धन्यवाद और आगत का स्वागत।
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता।
सुन्दर कविता....
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की अग्रिम बधाईयां...
सादर...
समय कहाँ कब रुकता है
जवाब देंहटाएंकालचक्र चलता रहता है
कभी आशा है कभी निराशा
सफलता में छुपी असफलता ..
सच कहा है ... इसलिए इस समय का इस्तिक्बाल करना चाहिए ... इसे जीना चाहिए ..
इस वर्ष जिन्होंने साथ दिया उनका आभार ....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
सुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा पढकर ।
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achchi rachna...naye varsh ki shubhkamnaye.
जवाब देंहटाएंwelcome to my blog :)
"ये धरती हरी हो, उमंगों भरी हो,
जवाब देंहटाएंहर इक रुत में आशा की आसावरी हो
मिलन के सुरों से सजी बाँसुरी हो
अमन हो चमन में, सुमन मुस्कुराएं।
नव वर्ष की शुभ-कामनायें......
(अशोक चक्रधर जी)
बहुत सुन्दर रचना....नूतन वर्ष की शुभ कामनाएं!
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