सोमवार, 12 नवंबर 2012

कुछ पटाखे, कुछ फुलझड़ियाँ .....

        (1)
देश सेवा के नाम पर 
मची है लुट ही लुट 
सोनिया के दामाद है 
क्या इसलिए छुट ? 
      *** 

       (2)
भ्रष्टाचार के पेड़ की जड़े
गहरे जमीन में, फैली शाखायें 
आसमान में, फिर भी मनमोहन जी 
कह रहे "पैसा पेड़ पर नहीं लगता" !
      ***

      (3)
देख कर दीवाली पर 
हैरान हो रहे हम 
केजरीवाल फोड़ रहे है 
धमाकेदार पटाखे बम !
     ***

     (4)
मेहनत की कमाई 
पावर है मनी 
बारूद में उड़ा रहे 
ये कैसी मनमानी !
     ***

     (5)
महंगाई के इस दौर में 
हम आपसे कैसे कहे 
हैप्पी दीवाली 
शुभ दीवाली !
    ***

    (6)
शुभ गायब हुआ है 
हमारे जीवन से 
सब लाभ ही लाभ 
देख रहे जब !
    ***

     (7)
यदि उपहार में,
देंगे टिप्पणियाँ अपार 
तभी तो मनेगा 
खुशहाल त्योहार :)
     ***

16 टिप्‍पणियां:

  1. :):) कुछ पटाखे और फुलझड़ियाँ नहीं ये तो रस्सी वाले बम हैं :)

    शुभकामनायें तो दे ही सकते हैं ...

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  2. उम्दा पंक्तियाँ ..बेह्तरीन अभिव्यक्ति .बहुत अद्भुत अहसास.सुन्दर प्रस्तुति.
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये आपको और आपके समस्त पारिवारिक जनो को !

    मंगलमय हो आपको दीपो का त्यौहार
    जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
    ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
    लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार..

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  3. अति सुन्दर प्रस्तुति..
    आपको सहपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
    :-)

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  4. दीपावली पर आपको सपरिवार मंगलकामनाएं !

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  5. दीपावली की अनंत शुभकामनाएँ!!
    नया पोस्ट.. प्रेम सरोवर पर देखें।

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  6. सुमन जी इतने सारे पटाखे ....???

    देखिएगा किसी को लग न जाये ....:))

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  7. मेरी टिप्पणी नहीं दिख रही .... स्पैम में देखिएगा

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  8. सुविचारित -लाभ में मगन हो जाते हैं लोग , शुभ कौन देखता है यही तो रोना है!

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  9. शुभ गायब हुआ है बस लाभ ही लाभ रह गया है सचमुच । अच्छी रचना

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  10. यदि उपहार में,
    देंगे टिप्पणियाँ अपार
    तभी तो मनेगा
    खुशहाल त्योहार :)


    Mera vada hai karuga tippaniyon ki bharmar .... es bar khushi se manayiye ap diwali ka tyauhar

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