प्रशंसा के
वाह-वाह के
मीठे दो शब्द
हमारी प्रतिभा
मीठे दो शब्द
हमारी प्रतिभा
को निखारते है
कुछ हद तक
बात सही है !
लेकिन अति नशा
हर चीज का
बुरा होता है
प्रशंसा बड़ा ही
मीठा नशा है
चाहते हुए भी
लौटाने का मन
नहीं करता !
मीठा नशा है
चाहते हुए भी
लौटाने का मन
नहीं करता !
सोच समझ कर
स्वीकार करना
सौदा महंगा
पड़ सकता है !
क्योंकि,
प्रशंसक वही
कहते है जो हमें
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
वो नहीं जो
सच है … !!
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