विचारों की भी अपनी
उम्र होती है !
कुछ विचार जन्म
लेते ही सिकुड़ने
लगते है देर सवेर
मरने के लिए !
कुछ तो जन्म लेने से
पहले गर्भ में ही मर
जाते है !
कभी-कभार कुछ
किसी ब्लॉटिंग पेपर पर
गिरी स्याही के समान
फैलकर देश,समय,
सीमाओं के पार
कालजयी हो जाते है ... !
उम्र होती है !
कुछ विचार जन्म
लेते ही सिकुड़ने
लगते है देर सवेर
मरने के लिए !
कुछ तो जन्म लेने से
पहले गर्भ में ही मर
जाते है !
कभी-कभार कुछ
किसी ब्लॉटिंग पेपर पर
गिरी स्याही के समान
फैलकर देश,समय,
सीमाओं के पार
कालजयी हो जाते है ... !
सच है ...
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब ... विचार ही होते हैं जो फैल कर आग भी लगा देते हैं ... अगर डटे रहें ... स्थिर रहें तो कुछ भी कर जाते हैं ... गहरी पंक्तियाँ ...
जवाब देंहटाएंबहुत प्रभावपूर्ण रचना......
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपके विचारों का इन्तज़ार.....
kabhi kabhar ----------------------kaljayi ho jaate hain nice and true lines
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर भाव, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
वाह , कुछ कालजयी विचार शब्दों के शरीर में कागज़ पर उतरकर अमर हो जाते है .
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत ही सुंदर भाव
जवाब देंहटाएं