आत्मा की
किरणे श्वेत रंग की
जब तिमिर आवरण
को चीरकर
मन नाम के
प्रिज्म से टकराती है
तब यह
ब्लैक एण्ड व्हाईट दुनिया
इंद्रधनुषी दिखाई देने
लगती है !
खूबसूरत खयाली
घूँघट की ओट में
छिप जाती है प्रकृति
सुंदरता अवर्णनीय
है जिसकी !
सच है आत्मा जब सुन्दर रूप में परिवर्तिती होती है तो आनद की कोई सीमा नहीं रहती ... अकल्पनीय हो जाती है ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर शब्दसंयोजन |
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंSunder shabd sanyojan...
जवाब देंहटाएंMere blog ki new post par aapka swagat hai.
साथॆक प्रस्तुतिकरण......
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लाॅग की नयी पोस्ट पर आपके विचारों की प्रतीक्षा....