जिंदगी भर
जिनकी पीठ पीछे
बुराई करने वाले
आज अचानक
शवयात्रा में उनकी
अच्छाईयों की चर्चा
कर रहे थे बार-बार
वाह रे रिश्तेदार !
इसे ही कहते है
जीवित का निरादर
मुरदे का सम्मान … !
जिनकी पीठ पीछे
बुराई करने वाले
आज अचानक
शवयात्रा में उनकी
अच्छाईयों की चर्चा
कर रहे थे बार-बार
वाह रे रिश्तेदार !
इसे ही कहते है
जीवित का निरादर
मुरदे का सम्मान … !
सत्य है ।
जवाब देंहटाएंऐसा ही होता है और यह कटु सत्य भी है...
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जवाब देंहटाएं.बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें. कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
ऐसे लोग शायद डर जाते हैं अपने किये पर ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सहज लिख दिया इस कडुवे सच को आपने ...
कटुता से भरा सत्य
जवाब देंहटाएंयहाँ भी पधारें
http://chlachitra.blogspot.in/
http://cricketluverr.blogspot.com
सहज लिख दिया कडुवे सच को
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