बुधवार, 27 मई 2015

वाह रे रिश्तेदार ...

जिंदगी भर
जिनकी पीठ पीछे
बुराई करने वाले
आज अचानक
शवयात्रा में उनकी
अच्छाईयों की चर्चा
कर रहे थे बार-बार
वाह रे रिश्तेदार !
इसे ही कहते है
जीवित का निरादर
मुरदे का सम्मान … !

6 टिप्‍पणियां:

  1. ऐसा ही होता है और यह कटु सत्य भी है...

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  2. .बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें. कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.

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  3. ऐसे लोग शायद डर जाते हैं अपने किये पर ...
    बहुत ही सहज लिख दिया इस कडुवे सच को आपने ...

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  4. कटुता से भरा सत्य

    यहाँ भी पधारें
    http://chlachitra.blogspot.in/

    http://cricketluverr.blogspot.com

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