भाषा सेतु है
जो जोड़ देती है
एक दूसरे से
व्यक्ति व्यक्ति से
देश दुनिया से
प्रेम मार्ग से,
और मौन
अस्तित्व की भाषा है
जो जोड़ देती है
खुद को खुद से
शरीर,मन,आत्मा से
प्रकृति परमात्मा से
ध्यान मार्ग से,
जब भी मिलो
दूसरे से
मिलो प्यार से
जब भी मिलो
खुद से
ध्यान से .... !!
सच्ची बात कही है आपने.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंजैसे ही सुरभित फूलों पर नज़र पड़ी हैं आँखों की
जवाब देंहटाएंबिना कहे भी बातें होतीं अक्सर आँखों आँखों की
मैंने कितनी बार पढ़ी है, अक्सर भाषा आँखों की
अक्सर भाषा से ताकतवर होती भाषा आँखों की ! - सतीश सक्सेना
हिंदी दिवस पर शुभकामनाऐं ।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना ।
शब्दोंसे शब्द मिल्तेही सम्बन्ध जुड जाते है |
जवाब देंहटाएंआंखोसे आंख मिल्तेही प्रेम हो जाता है |
मनसे मन मिल्तेही हम एक हो जाते है |
अत्माका परमात्मासे मिल्तेही प्रभु के दर्शन हो ज्याते है |
प्रेमही एक मार्ग है जोड़ने का |
ध्यानही एक मार्ग है जुड़ने का |
सुन्दर प्रस्तुति ! हिन्दी-दिवस पर वधाई ! यह देश का दुर्भाग्य है कि भारत की कोइ भी राष्ट्र भाषा ही नहीं है | राज-भाषा दसे जी बहलाया गया है ! सभी मित्रों से आग्रह है कि इस विषय में क्या किया जा सकता है, सलाह दें
जवाब देंहटाएंगुजरात आए हुए तीन साल हो गये. लोगों से बातें करते हुए उनकी बात समझने में कोई परेशानी नहीं होती. टूटी-फ़ूटी गुजराती में बात भी कर लेता हूँ. लेकिन एक शख्स है जो हर हफ़्ते मेरे पास आता है तरह तरह के नमकीन बेचने. पैकेट निकालकर उनकी ख़ूबियाँ बताता है कि ये मीठा है, यह नमकीन, यह तीखा. और उससे मैं भी बतियाते हुये सारी वेराइटी के बारे में पूछ लेता हूँ. उसके साथ बात करने में मुझे कभी कोई अड़चन, रुकावट या बाधा नहीं महसूस हुई. वो मूक-वधिर है!! और हमारी मौन और इशारे की भाषा हमारे बीच भाषाई दीवार आने ही नहीं देती!!
जवाब देंहटाएंसबसे बेहतर सम्वाद तो मुझे भी वो ही लगता है जिसमें - जो कहा नहीं वो सुना करो, जो सुना नहीं वो कहा करो!
अपने अनोखे अन्दाज़ में कितनी सादगी से कितनी ख़ूबसूरत बात कही है!
वाह...सुन्दर पोस्ट...
जवाब देंहटाएंसमस्त ब्लॉगर मित्रों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं...
नयी पोस्ट@हिन्दी
और@जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ
भाषा सेतु है एक दूसरे से जुडने का और मौन खुद से खुद को जोडने का जिसे कहतेहैं खुदा।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सुमन जी।
बहुत सुन्दर .
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : चपत लगाने से पहले
बहुत ही सुन्दर.... सार्थक और प्रभावी
जवाब देंहटाएंजब भी मिलो
जवाब देंहटाएंदूसरे से
मिलो प्यार से
जब भी मिलो
खुद से
ध्यान से .... !!
सार्थक पंक्तियाँ !
खुद से मिलना और खुद को जानना जरुरी है
सादर आभार !
बहुत ही सुन्दर.... सार्थक और प्रभावी
जवाब देंहटाएं