ओशो ने कभी
न गीत लिखे
न लिखी कभी
कोई कविता
लेकिन उनके
एक-एक प्रवचन
किसी गीत किसी
कविता से कम नहीं
वे स्वयं में गीत है
कविता है
अगर उसका एक
छंद भी
ढंग से हमारे दिल को
छू ले तो परिवर्तन
निश्चित है …।
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जीवन की रिक्त
पाटी पर
जिसने पूनम
बन कर
इंद्रधनुषी शाश्वत
रंग भरे
आओ,आज उस
सद्गुरु के
चरणों में
शत-शत नमन
करे .... !!
नमन ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंनमन !
गुरु-पूर्णिमा के अवसर पर गुरु-भगिनी के इस उद्गार में मेरे भी श्रद्धा सुमन!
जवाब देंहटाएंनमन गुरु को !!
जवाब देंहटाएंसद्गुरु के
जवाब देंहटाएंचरणों में
शत-शत नमन
वाह क्या खूब र ! गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामना !
जवाब देंहटाएंसादर नमन
जवाब देंहटाएंजो राह दिखाए वाही गुरु है ...
जवाब देंहटाएंनमन है गुरु चरणों में ...
ओशो के मुंह से उदगारित एक एक शब्द ही कविता है, सादर नमन.
जवाब देंहटाएंरामराम.