रविवार, 10 जनवरी 2021

वही तो गाता है ...

सुमधुर,
सनातन शाश्वत गीत 
हृदय के तारों पर 
वही तो गाता है 
सेकडों कंठों को 
अपना उपकरण बनाकर !
जिसमें से कोई एक कंठ 
किसी के 
सोए पड़े तारों को 
झनझना कर जगाता है !
हृदय के तारों पर 
गीत वही तो गाता है !

13 टिप्‍पणियां:

  1. सच कहा....वही जो अदृश्य है..पर दृश्य भी.

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर सृजन। विश्व हिन्दी दिवस पर शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  3. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 12 जनवरी 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  4. वही तो गाता है....
    सुन्दर लगी।
    इस रचना को और जरा विस्तार देते तो आनन्द दोगुना हो जाता।।।।
    बधाई स्वीकार करें।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत दिन बाद पढ़ा आपको ... कितनी सुन्दर बात ...

    सोए पड़े तारों को
    झनझना कर जगाता है !
    हृदय के तारों पर
    गीत वही तो गाता है !

    यदि संभव हो तो आइये मेरे ब्लॉग पर भी ... आपको याद कर रहा है मेरा ब्लॉग ...

    जवाब देंहटाएं
  6. आप मेरे ब्लॉग पर आईं ।बहुत अच्छा लगा । पुराने दिन ताज़ा हो गए । आभार

    जवाब देंहटाएं
  7. छोटे-सी लेकिन मनोहर कविता। अभिनंदन सुमन जी।

    जवाब देंहटाएं
  8. First You got a great blog. I will be interested in more similar topics. I see you got really very useful topics, I will be always checking your blog thanks.

    जवाब देंहटाएं