ऊंघ रहे क्यों मन
मछुआरे ?
चलो नदी तट पर चले
सुहाना मौसम है !
खूबसूरत शब्दों का
आकर्षक जाल बुने
भावनाओं के आटे से
बनी गोलियां
सुनहरी मछलियों को
खिलायें !
छपाक से डालकर
पानी में जाल
खूब सारी मछलियों को
फंसाये !
चलो नदी तट पर चले
सुहाना मौसम है !
मछुआरे ?
चलो नदी तट पर चले
सुहाना मौसम है !
खूबसूरत शब्दों का
आकर्षक जाल बुने
भावनाओं के आटे से
बनी गोलियां
सुनहरी मछलियों को
खिलायें !
छपाक से डालकर
पानी में जाल
खूब सारी मछलियों को
फंसाये !
चलो नदी तट पर चले
सुहाना मौसम है !