"सुरभित सुमन"
सोमवार, 20 अगस्त 2018
निर्भार ..
फूल खिलते ही
सुगंध बहाकर
ले जा रही थी हवा
फूल ने मुस्कुराकर कहा ...
आभार,
गंध से मुझे जो
कर दिया निर्भार … !
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