tag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post125780702045494691..comments2023-11-02T00:44:51.318-07:00Comments on "सुरभित सुमन": पति-पत्नी के रिश्ते को सृजनात्मक बनाएं … Sumanhttp://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-28984605293637989262013-12-23T21:55:59.257-08:002013-12-23T21:55:59.257-08:00सामंजस्य के अभाव में प्रेमविवाह से भी प्रेम गायब ह...सामंजस्य के अभाव में प्रेमविवाह से भी प्रेम गायब हो जाता है , मगर आजकल यह सब कहना दकियानूसी समझ कर लोग जीवन स्वयं नरक बनाते हैं !<br />सार्थक आलेख !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-22091498457602393852013-12-23T05:17:51.366-08:002013-12-23T05:17:51.366-08:00अच्छी पोस्ट ।अच्छी पोस्ट ।पूरण खण्डेलवालhttps://www.blogger.com/profile/04860147209904796304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-2741787721616080712013-12-19T19:07:26.515-08:002013-12-19T19:07:26.515-08:00@ एक दूसरे के इस प्रकार के स्वभाव को स्वीकार करना ...@ एक दूसरे के इस प्रकार के स्वभाव को स्वीकार करना ही समझदारी है ! <br />सहमत हूँ आपसे , मगर सब समझदार भी नहीं :)Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-32648532663762787932013-12-19T01:13:17.417-08:002013-12-19T01:13:17.417-08:00देना लेना से परे भी है प्रेम करना ... जीवन प्रेम क...देना लेना से परे भी है प्रेम करना ... जीवन प्रेम करते हुए बीत जाए इससे आगे क्या है ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-69747156470627971152013-12-18T22:20:40.628-08:002013-12-18T22:20:40.628-08:00ध्यान रहे कि, स्वतंत्रता का मतलब स्वच्छंदता नहीं ह...ध्यान रहे कि, स्वतंत्रता का मतलब स्वच्छंदता नहीं है !Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-55830870994160737502013-12-18T22:17:08.263-08:002013-12-18T22:17:08.263-08:00जैसे जैसे सभ्यता विकसित होती गई नयी-नयी बिमारियों ...जैसे जैसे सभ्यता विकसित होती गई नयी-नयी बिमारियों ने जन्म लेना शुरू किया है, <br />स्पेस यह नयी सभ्यता को लगा हुआ महारोग है, हमारे गाँव अभी भी अछुते है इस रोग से !<br />स्पेस का मतलब मेरे लिए विचारों की स्वतंत्रता से है !<br />Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-88516584984884356172013-12-18T21:52:03.996-08:002013-12-18T21:52:03.996-08:00पता नहीं सही उत्तर क्या है.जिस ग्रामीण परिवेश का म...पता नहीं सही उत्तर क्या है.जिस ग्रामीण परिवेश का मैं हूँ वहां 'स्पेस' लेने-देने के लिए विशेष चिंतन नहीं करना होता है. जीवन शैली ही कुछ ऐसी है की अपने आप सबको स्पेस मिल जाता है. पश्चिम की सभ्यता में आपस में स्पेस देकर परिवार और दाम्पत्य जीवन की सफलता में इजाफा तो नहीं ही हुआ. कैफ़ी साहब ने मशहूर नज़्म 'औरत' में 'स्पेस' को ख़त्म करते हुए कहा है (हालाँकि वह दूसरे परिप्रेक्ष्य में कहा गया है ) ..'उठ मेरी जान मेरे साथ ही चलना ही तुझे'...प्रेम मजबूत हो कुछ इस तरह तो फिर क्या :) ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-5872000669750571772013-12-18T09:51:31.701-08:002013-12-18T09:51:31.701-08:00☆★☆★☆
अनंत अपेक्षाए,
कभी तृप्त न होनेवाली मांग...<b> </b> <br /><b> </b> <br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.in" rel="nofollow">☆★☆★☆</a></b><br /><br /><br /><b> अनंत अपेक्षाए, <br />कभी तृप्त न होनेवाली मांग, <br />हर कोई अटेंशन मांगता है लेकिन देना कोई नहीं जानता</b> <br /><b> </b> हां मनमुटाव और दूरियों के पीछे ऐसे कारण होते हैं…! <br /><br /><b><i> आदरणीया सुमन जी</i></b> <br /><b> </b> उपयोगी लेख है... <br /><b> </b>सुंदर गृहस्थी के लिए सुंदर सीख !<br /><b> </b> श्रेष्ठ सृजन हेतु बधाई और शुभकामनाएं ! <br /><br />मंगलकामनाओं सहित...<br />-राजेन्द्र स्वर्णकार<br /><b> </b> <br /><b> </b> Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-17981829848599156002013-12-18T08:34:04.070-08:002013-12-18T08:34:04.070-08:00आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 19-12-2013 को चर्चा मंच ...<br />आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 19-12-2013 को चर्चा मंच पर <a href="http://charchamanch.blogspot.com/2013/12/1466.html" rel="nofollow"> टेस्ट - दिल्ली और जोहांसबर्ग का ( चर्चा - 1466 ) </a> में दिया गया है<br />कृपया पधारें <br />आभार दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-83863095664588371792013-12-18T08:10:33.210-08:002013-12-18T08:10:33.210-08:00बहुत सुंदर पोस्ट.बहुत सुंदर पोस्ट. राजीव कुमार झा https://www.blogger.com/profile/13424070936743610342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-29671044770425116852013-12-18T07:42:12.343-08:002013-12-18T07:42:12.343-08:00:) अपने लिये जिये तो क्या जिये !:) अपने लिये जिये तो क्या जिये !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-84209573793681702452013-12-18T07:39:18.448-08:002013-12-18T07:39:18.448-08:00बनता --"बनाता" पढ़ें
किसी को --पढ़ेबनता --"बनाता" पढ़ें <br />किसी को --पढ़े कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-16077412492438981692013-12-18T07:36:05.920-08:002013-12-18T07:36:05.920-08:00जो जैसा है उसे उसी रूप में स्वीकार करना मधुर रिश्त...जो जैसा है उसे उसी रूप में स्वीकार करना मधुर रिश्ते को मजबूत बनता है !यदि पति पत्नी में किसी बदलना है तो आपसी सहमती से होना चाहिए उसके लिए उसे निजी स्पेस की जरुरत हो सकती है ,उसे स्वीकार होना चाहिए !<br />नई पोस्ट <a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/12/blog-post_18.html" rel="nofollow">मेरे सपनों का रामराज्य (भाग १)</a><br />नई पोस्ट <a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2013/12/blog-post_16.html#links" rel="nofollow"> चंदा मामा</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-22747259954308710582013-12-18T05:14:54.287-08:002013-12-18T05:14:54.287-08:00बिलकुल सही कहा दी......
एक वाजिब स्पेस बहुत ज़रूरी ...बिलकुल सही कहा दी......<br />एक वाजिब स्पेस बहुत ज़रूरी है.....न कम न ज्यादा.....<br />और अपेक्षाएं तो मार डालती हैं रिश्तों को...मगर बिना डिमांड के देना आना भी रिश्ते के निबाह की ज़रूरी शर्त है.....<br />बहुत बढ़िया पोस्ट...<br />सादर<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-63085853145395516582013-12-18T03:40:02.839-08:002013-12-18T03:40:02.839-08:00सटीक सुझाव और अर्थपूर्ण उदहारण साझा किये .....सटीक सुझाव और अर्थपूर्ण उदहारण साझा किये ..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-62490912030057824602013-12-18T00:47:19.074-08:002013-12-18T00:47:19.074-08:00sahi kha hai sahi kha hai Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14612724763281042484noreply@blogger.com