tag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post1196745637066121934..comments2023-11-02T00:44:51.318-07:00Comments on "सुरभित सुमन": "दो और दो पांच" Sumanhttp://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-51145546427621525042013-08-05T00:57:20.992-07:002013-08-05T00:57:20.992-07:00जीवन के गणित को सीधे से हल नहीं कर सकते ... बहुत स...जीवन के गणित को सीधे से हल नहीं कर सकते ... बहुत सी पेच होते हैं ... <br />इसको खेलना ही होता है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-73956293074439368522013-08-04T23:59:53.483-07:002013-08-04T23:59:53.483-07:00और हार जीत की चिंता किए बगैर यह खेल खेलने
का मजा...और हार जीत की चिंता किए बगैर यह खेल खेलने <br />का मजा ही कुछ और होता है <br />सादर !<br />शिवनाथ कुमारhttps://www.blogger.com/profile/02984719301812684420noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-81773707871132631552013-08-03T12:19:28.380-07:002013-08-03T12:19:28.380-07:00सुमन,सच बहुत ही बढिया जीवन दर्शन समझाया ।सुमन,सच बहुत ही बढिया जीवन दर्शन समझाया ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-30195147721455040882013-08-03T00:37:10.893-07:002013-08-03T00:37:10.893-07:00'दो और दो पांच' हार्दिकता को दिखाता है। जी...'दो और दो पांच' हार्दिकता को दिखाता है। जीवन कोई गणित है नहीं, उसमें तो हृदय से सोचना पढता है। इन्हीं भावों का प्रकटिकरण करती सार्थक कविता।साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदेhttps://www.blogger.com/profile/18249451298672443313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-13981226583999639242013-08-02T05:16:00.781-07:002013-08-02T05:16:00.781-07:00चाहिए थी
एक ऐसी ही
पाठशाला मुझको
खेल-खेल में
स...चाहिए थी <br />एक ऐसी ही <br />पाठशाला मुझको <br />खेल-खेल में <br />समझाये सबको<br />...<br />जीवन की डोर हाथ से कब छुट जाए किसी को नहीं पता मगर हम सब लोग इसे याद नहीं रखना चाहते , हँसते खेलते यह गिने चुने दिन कट जाएँ , तभी शुभ माना जाए !<br /><br />मंगल कामनाएं आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-52008657964207030852013-08-02T05:14:33.620-07:002013-08-02T05:14:33.620-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-56527471437361036552013-08-02T04:17:06.759-07:002013-08-02T04:17:06.759-07:00 शिक्षा मन पर
भार नहीं ... शिक्षा मन पर<br /> भार नहीं <br /> अहंकार का<br /> ब़ोझ न हो <br /> चाहिए थी <br /> सही कही... सही माएने में शिक्षित को अहंकार नहीं होना चाहिए.... <br /> Ranjana vermahttps://www.blogger.com/profile/18228698425578643882noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-80464377151519739852013-08-02T01:33:10.787-07:002013-08-02T01:33:10.787-07:00जिसे तर्कों से
हल किया जा सके
बिना प्रतिस्पर्धा ...जिसे तर्कों से <br />हल किया जा सके <br />बिना प्रतिस्पर्धा के <br />हार-जीत के बिना <br />जीवन एक खेल <br />है खिलाडियों का <br />जिसमे दो और दो <br />चार नहीं <br />दो और दो पांच <br />भी होते है …<br /><br />जीवन की सही व्याख्या की है आपने.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-66568421983218643212013-08-02T00:15:29.978-07:002013-08-02T00:15:29.978-07:00जीवन है एक खेल...कोई पास कोई फेल...
अब दो और दो पा...जीवन है एक खेल...कोई पास कोई फेल...<br />अब दो और दो पाँच भला किसे पता :-)<br /><br />सादर<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-20979653036397376392013-08-01T23:06:18.968-07:002013-08-01T23:06:18.968-07:00शिक्षा की सार्थकता है भी तभी..... शिक्षा की सार्थकता है भी तभी..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-32730147370477613262013-08-01T22:48:35.949-07:002013-08-01T22:48:35.949-07:00बहुत बहुत आभार कविवर !बहुत बहुत आभार कविवर !Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-50807094644752101262013-08-01T22:42:20.543-07:002013-08-01T22:42:20.543-07:00गजब शब्दावली-
शुभकामनायें आदरेया-
एक एक ग्यारह भ...गजब शब्दावली-<br />शुभकामनायें आदरेया-<br /><br /><br />एक एक ग्यारह भले, तिकड़म दो दो पाँच |<br />जीवन भर संघर्ष कर, टेढ़े आँगन नाँच | | <br /> रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com