tag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post8331232634207501681..comments2023-11-02T00:44:51.318-07:00Comments on "सुरभित सुमन": गांधी जी के तीन बंदर … Sumanhttp://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-45966339205630720822013-10-03T07:17:26.051-07:002013-10-03T07:17:26.051-07:00..उत्तम विचार हैबहुत सुन्दर सामयिक और प्रेरक आलेख .....उत्तम विचार हैबहुत सुन्दर सामयिक और प्रेरक आलेख संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-79553513807652418632013-10-03T04:51:51.107-07:002013-10-03T04:51:51.107-07:00बेहोशी टूटे तो ही सत्य दिखाई दे. नमन. बेहोशी टूटे तो ही सत्य दिखाई दे. नमन. संतोष पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/06184746764857353641noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-20597774360500447692013-10-03T00:44:43.167-07:002013-10-03T00:44:43.167-07:00होने और दिखने का यही फ़र्क़ है। भीतर बदल जाए तो बा...होने और दिखने का यही फ़र्क़ है। भीतर बदल जाए तो बाहर दिखाने की कोई ज़रूरत नहीं रहती,वह स्वयं दिखने लगता है। हालांकि,कई बार कृत्रिमता भीतर भी असर करती है,कुछ अंश में ही सही।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-17391191392868088922013-10-02T21:22:19.627-07:002013-10-02T21:22:19.627-07:00puri tarah se sahmat hoon aapse suman jee ...puri tarah se sahmat hoon aapse suman jee ...Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-63963569968728916442013-10-02T07:11:29.392-07:002013-10-02T07:11:29.392-07:00करनी और कथनी एक कहाँ करनी और कथनी एक कहाँ कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-77633404737793057102013-10-02T01:17:38.442-07:002013-10-02T01:17:38.442-07:00सार्थक, उत्तम विचार है ... खुद को जानना खुद बुरा न...सार्थक, उत्तम विचार है ... खुद को जानना खुद बुरा न होना ही जावन की सार्थकता है ...<br />पर आज के दौर में कहीं मतभेद जरूर है ... आज जान के भी अपनी बुराई मनुष्य सुधरता नहीं है ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-54713914157395079492013-10-02T00:24:39.119-07:002013-10-02T00:24:39.119-07:00सार्थक विचार .... कितनी सहजता से कि गयी उत्कृष्ट ए...सार्थक विचार .... कितनी सहजता से कि गयी उत्कृष्ट एवं वैचारिक व्याख्या ...बहुत अच्छा लगा लेख , आभार डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-58975319005868277462013-10-01T23:26:29.892-07:002013-10-01T23:26:29.892-07:00बहुत सुन्दर सामयिक और प्रेरक आलेख , आत्म चिंतन आनन...बहुत सुन्दर सामयिक और प्रेरक आलेख , आत्म चिंतन आनन्द की राह की पहली सीढ़ी है Neeraj Neerhttps://www.blogger.com/profile/00038388358370500681noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-75345740930696171872013-10-01T22:07:26.671-07:002013-10-01T22:07:26.671-07:00गांधी जयंती के उपलक्ष्य पर इस सम सामयिक प्रवचन का ...गांधी जयंती के उपलक्ष्य पर इस सम सामयिक प्रवचन का चुनाव सराहनीय है, शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-71007685334457739212013-10-01T22:06:08.449-07:002013-10-01T22:06:08.449-07:00समस्या यह है कि हमे बोध ही नही है कि हम कुछ गलत कर...समस्या यह है कि हमे बोध ही नही है कि हम कुछ गलत कर रहे हैं तो कुछ कीमियागिरी जरूरत ही नही दिखाई देती. <br /><br />आज जैसा माहोल हो चला है उसमें हमें पहले अपने आपको यह एहसास करना होगा कि हम वाकई गलत रास्तों पर बढ चले हैं. <br /><br />शायद हम बुराई के पहाड की उस मंजिल तक आ पहुंचे हैं जहां से कोई गिरना नही चाहता या कह लें कि गिरने से डर लगता है.<br /><br />काश कुछ लोग ही इस प्रवचन का सार समझ कर बोध को प्राप्त हो सकें तो यह भी एक बडी क्रांति होगी और इस प्रवचन का कुछ सार हाथ लगेगा.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-73297783594972472852013-10-01T20:30:57.352-07:002013-10-01T20:30:57.352-07:00बढ़िया विमर्श रजनीश तो फिर रजनीश हैं तर्क को उसकी ...बढ़िया विमर्श रजनीश तो फिर रजनीश हैं तर्क को उसकी परिणति तक ले जाते हैं। अन्दर होती है तभी तो बाहर आती है जो जिसके अन्दर होता है वही बाहर आता है। <br /><br />बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय।<br /><br />जो तन खोजा आपुनो मुझसा बुरा न कोय। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-84356793934200835302013-10-01T20:00:06.280-07:002013-10-01T20:00:06.280-07:00सबको बस आत्मशुद्धि की जिम्मेदारी लेनी है. बाँकी सा...सबको बस आत्मशुद्धि की जिम्मेदारी लेनी है. बाँकी सारा काम आपने आप हो जाएगा. लेकिन विडम्बना यही है हममे से कितने दो मिनट भी सोच पातें है इस बारे में. सुन्दर पोस्ट. ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-66112615126645427032013-10-01T10:15:49.666-07:002013-10-01T10:15:49.666-07:00बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष ... बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - <a href="http://hindiblogsamuh.blogspot.in/" rel="nofollow">बुधवार - 2/10/2013</a> को <br /><a href="http://hindiblogsamuh.blogspot.in/" rel="nofollow">जो जनता के लिए लिखेगा, वही इतिहास में बना रहेगा- हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः28 </a> पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर .... Darshan jangra <br /> <br /><br />Darshan jangrahttps://www.blogger.com/profile/09680060236733028168noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-30998478284789394612013-10-01T07:13:16.092-07:002013-10-01T07:13:16.092-07:00प्रवचन देने वाले सभी आसाराम भी नहीं होते ध्यान रहे...प्रवचन देने वाले सभी आसाराम भी नहीं होते ध्यान रहे, प्रवचन भी देते है आश्वासन भी देते है लेकिन सत्य तक कोई एक पहुंचाता है और इन संतों की भीड़ में उस एक को पहचानना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है लेकिन ओशो यहाँ भी कहते है जब शिष्य परिपक्व होता है तब सद्गुरु उसे स्वयं खोज लेता है !Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-89600116936322933392013-10-01T04:01:21.252-07:002013-10-01T04:01:21.252-07:00सुमन जी प्रवचन तो बहुत लोग देते हैं परन्तु वही लोग...सुमन जी प्रवचन तो बहुत लोग देते हैं परन्तु वही लोग उसपर अमल नहीं करते .तभी तो बुराई फलफूल रहा है ,आशाराम ज्वलंत उदहारण है l<br />नवीनतम पोस्ट <a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/10/blog-post.html#links" rel="nofollow"> मिट्टी का खिलौना !</a><br />नई पोस्ट <a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/09/blog-post_7552.html" rel="nofollow"> साधू या शैतान</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-11598919406085346082013-10-01T03:58:01.705-07:002013-10-01T03:58:01.705-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-63661685404711159182013-10-01T03:22:58.248-07:002013-10-01T03:22:58.248-07:00बहुत अच्छा लेख लिखा है . . .
मैं अक्सर गाडी की ...बहुत अच्छा लेख लिखा है . . . <br /> मैं अक्सर गाडी की सर्विसिंग कराते समय , समय बचाने के लिए , उसकी धुलाई और पालिश छोड़ देता हूँ , सर्विसिंग कराने के बाद , ऊपर से गंदी गाडी लेकर बाहर निकलते मुझे देख, लोग पागल समझते होंगे, बिखरे बिना काढ़े बेतरतीब बाल , बिना पालिश जूते , जो कभी नहीं कराता , पहने देख लोग दया खाते होंगे !<br />मगर मैं सोंचता हूँ काश मन और स्वच्छ हो जाए तो आनंद आये !! <br />दुबारा आभार सुमन !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-90453904210902045462013-10-01T01:47:32.627-07:002013-10-01T01:47:32.627-07:00ncncDr. pratibha sowatyhttps://www.blogger.com/profile/16493416545569678252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-14128496204895753762013-10-01T00:55:16.566-07:002013-10-01T00:55:16.566-07:00बुराई खत्म करने के लिए पहले खुद को बदलना होगा !
...बुराई खत्म करने के लिए पहले खुद को बदलना होगा !<br /><br /><b>RECENT POST </b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/09/blog-post_29.html#links" rel="nofollow">: मर्ज जो अच्छा नहीं होता.</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-57119485472653258692013-10-01T00:53:58.488-07:002013-10-01T00:53:58.488-07:00बहुत बहुत आभार कविवर !बहुत बहुत आभार कविवर !Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.com