tag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post7991785706964142606..comments2023-11-02T00:44:51.318-07:00Comments on "सुरभित सुमन": बुद्धिवादी युग ..... (चिंतन)Sumanhttp://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-89711551799787842572012-10-04T06:27:49.748-07:002012-10-04T06:27:49.748-07:00 जीवन का बस थोडा सा समय शांति और सुकून पाने के लिय... जीवन का बस थोडा सा समय शांति और सुकून पाने के लिये निकालिए फिर देखिये , एक बिलकुल अभिनव जगत आपके लिये द्वार खोलता हुआ देखेंगे.............यही सच है.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-42385475090777486632012-10-04T04:50:50.101-07:002012-10-04T04:50:50.101-07:00प्रकृति की तस्वीर तक सुकून पहुंचाती है। जिस दिन उस...प्रकृति की तस्वीर तक सुकून पहुंचाती है। जिस दिन उसका प्रत्यक्ष सान्निध्य मिल जाता है,उसी दिन पता चलता है,अब तक क्या खोया।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-18909940985513429952012-09-28T11:48:03.241-07:002012-09-28T11:48:03.241-07:00यही जिंदगी की सच्चाई है...अजीब है,पर सच है |
सादर...यही जिंदगी की सच्चाई है...अजीब है,पर सच है |<br /><br />सादर नमन |<br />मन्टू कुमारhttps://www.blogger.com/profile/00562448036589467961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-29979229009697001992012-09-27T10:00:40.536-07:002012-09-27T10:00:40.536-07:00बुद्धिवादी युग में,
निरंतर विचार,शब्द,ध्वनि
के आघ...बुद्धिवादी युग में,<br />निरंतर विचार,शब्द,ध्वनि <br />के आघात से,<br />सिर्फ शब्दकोष में,<br />रह गई है <br />शांति !Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-88889701715243461562012-09-27T09:45:27.904-07:002012-09-27T09:45:27.904-07:00''जीवन का बस थोडा सा समय शांति और सुकून पा...<br /> ''जीवन का बस थोडा सा समय शांति और सुकून पाने के लिये निकालिए फिर देखिये , एक बिलकुल अभिनव जगत आपके लिये द्वार खोलता हुआ देखेंगे ''! बिलकुल सही ,जो यह पाया ,वही जीवन में सही सुख उठा पाया .<br />vikram7https://www.blogger.com/profile/06934659997126288946noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-74030090479301646832012-09-27T06:46:33.141-07:002012-09-27T06:46:33.141-07:00शांति कहाँ है :)शांति कहाँ है :)Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-84111791935286767462012-09-27T06:45:52.512-07:002012-09-27T06:45:52.512-07:00महत्वपूर्ण बात है।
भूत और भविष्य में जीने वाला आदम...महत्वपूर्ण बात है।<br />भूत और भविष्य में जीने वाला आदमी चाहे जहां बैठे,अशांत ही रहेगा।<br />जो वर्तमान में है,वह जहां है,वहीं प्रकृति है।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-55936148267546021542012-09-27T03:45:47.354-07:002012-09-27T03:45:47.354-07:00बहुत सुन्दर बात कही आपने,,,,
जीवन का बस थोडा सा सम...बहुत सुन्दर बात कही आपने,,,,<br />जीवन का बस थोडा सा समय शांति और सुकून पाने के लिये निकालिए फिर देखिये,एक बिलकुल अभिनव जगत आपके लिये द्वार खोलता हुआ देखेंगे,,,<br /><br />RECENT POST <a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/09/blog-post_26.html#links" rel="nofollow">: गीत,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-60878645190688560262012-09-27T02:05:20.438-07:002012-09-27T02:05:20.438-07:00जो कुछ पास में है उसका आनंद नहीं पर जो नहीं है उसक...जो कुछ पास में है उसका आनंद नहीं पर जो नहीं है उसका दुःख बहुत भारी है<br /><br /><br />आज परेशानी की सबसे बड़ी वजह यही है। जो पास में है, लोग उसका आनंद नहीं ले रहे हैं,जो नहीं है उसके पीछे भागने में समय जाया कर रहे हैं। बहुत सुंदरमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2101352383183555.post-21641928895199179082012-09-27T00:26:38.481-07:002012-09-27T00:26:38.481-07:00जो कुछ पास में है उसका आनंद नहीं पर जो नहीं है उसक...जो कुछ पास में है उसका आनंद नहीं पर जो नहीं है उसका दुःख बहुत भारी है ! मन में बेचैनी है इसी कारण से, सारा तनाव भी है ! <br /><br />प्रकृति के द्वारा बहुत सार्थक संदेश .... दूसरे जैसा बनने की होड़ में ही इंसान तनाव से घिरा रहता है । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com